भारतीय स्टेट बैंक (SBI) जो कि भारत का सबसे बड़ा ऋणदाता बैंक है. ने एक अलग FI&MM वर्टिकल शुरू किया है. इसमें खेती-बाड़ी से जुड़े छोटे किसानों और गांवों में तथा कस्बों में रहने वाले लोगों को भी लघु लोन (Micro credit) की सुविधा मिलेगी. इस वर्टिकल के जारिए बैंक की तकरीबन 8000 ग्रामीण और कस्बाई शाखाओं को जोड़ा गया है. इस वर्टिकल को SBI के डिप्टी एमडी संजीव नौटियाल नेतृत्व (head) करेंगे. ऐसे में आइए इस योजना के बारे में विस्तार से जानते हैं -
किसानों और लघु व्यवसाय के लिए एसबीआई लोन सुविधाएं
SBI की इस योजना के तहत, ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में लगभग 8000 शाखाओं को जोड़ा गया है ताकि इन शाखाओं में ऐसे ही कमजोर और हाशिए पर जीवन बिता रहे लोगों को FI&MM लोन मिल सके.नई वर्टिकल में मुख्य महाप्रबंधक, महाप्रबंधक, क्षेत्रीय व्यावसायिक कार्यालयों (आरबीओ) के साथ-साथ क्रेडिट वितरण प्रणाली को मजबूत करने और त्वरित प्रतिबंधों और संवितरण के लिए बदलाव का समय सुधारने के लिए जिला सेल्स हब के तहत छोटे ऋणों की 4-स्तरीय संरचना होगी.
एसबीआई लोन से किसानों और लघु व्यवसाय करने वालों को लाभ
1.वित्तीय समावेशन और माइक्रो मार्केट्स (FI और MM) विशेष रूप से ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करके छोटे कारोबारी और एग्री एंड एलाइड सेगमेंट्स की सेवा का अवसर प्रदान करेगा ताकि वे अपने कारोबार को सुचारू रूप से चला सकें.
2.एसबीआई 63,000 से अधिक ग्राहक सेवा के बैंक नेटवर्क के माध्यम से सेवा की गुणवत्ता और बैंकिंग सेवाओं की उपलब्धता में सुधार की उम्मीद है. इस प्रकार, यह ग्रामीण, अर्ध शहरी, शहरी और मेट्रो क्षेत्रों की जरूरतों को पूरा करेगा. जोकि एक महत्वपूर्ण पहल है.
सूक्ष्म-वित्त क्षेत्र को बढ़ावा देना
एसबीआई में राष्ट्रीय स्तर पर FI&MM वर्टिकल का नेतृत्व बैंक के डिप्टी एमडी संजीव नौटियाल करेंगे. सर्कल स्तर पर विशेष ध्यान और सुचारू रूप से कार्य करना सुनिश्चित करने के लिए, FI&MM वहां भी एक अलग व्यवस्था की गई है और हर स्तर पर अधिकारी तैनात किये गए हैं. इससे सूक्ष्म-वित्त क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा.
लघु उद्योगों के लिए 22000 आवेदनों को मिली मंजूरी
मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, भारतीय स्टेट बैंक ने महज एक दिन में ही 3,000 करोड़ रुपये के लोन बांटे हैं. दरअसल बैंक ने सोमवार को 22,000 लोन आवेदनों को मंजूरी दी है, जिनके तहत यह रकम जारी की गई है. भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के चेयरमैन रजनीश कुमार के मुताबिक, सरकार की तरफ से लोन गारंटी के चलते बैंकों में 30,000 करोड़ रुपये आए हैं. बैंकों की तरफ से इस रकम को लोन जारी करते वक्त अलग नहीं रखा जा सकता.
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