मानसून में Kakoda ki Kheti से मालामाल बनेंगे किसान, जानें उन्नत किस्में और खेती का तरीका! ये हैं धान की 7 बायोफोर्टिफाइड किस्में, जिससे मिलेगी बंपर पैदावार दूध परिवहन के लिए सबसे सस्ता थ्री व्हीलर, जो उठा सकता है 600 KG से अधिक वजन! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Karz maafi: राज्य सरकार की बड़ी पहल, किसानों का कर्ज होगा माफ, यहां जानें कैसे करें आवेदन Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक Krishi DSS: फसलों के बेहतर प्रबंधन के उद्देश्य से सरकार ने लॉन्च किया कृषि निर्णय सहायता प्रणाली पोर्टल
Updated on: 21 November, 2022 12:51 PM IST
Saras Aajeevika Mela 2022

नई दिल्ली के प्रगति मैदान में 'सरस आजीविका मेला, 2022' का उद्घाटन करने के बाद केंद्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्रीगिरिराज सिंह ने कहा कि ग्रामीण विकास मंत्रालय को तीन राज्यों से उत्पादों और शिल्प क्षेत्रों में स्टार्टअप के लिए 60,000 से ज्यादा आवेदन प्राप्त हुए हैं.

गिरिराज सिंह ने कहा कि भारत में स्टार्टअप बूम ने देश में स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) के लिए भी आंदोलन का रास्ता बनाना शुरू कर दिया है. पिछले आठ वर्षों में एसएचजी सदस्यों की संख्या 2.35 करोड़ से बढ़कर लगभग 9 करोड़ हो चुकी है और 2024 तक इसे 10 करोड़ बनाने का लक्ष्य है.

गिरिराज सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2015 में लाल किले की प्राचीर से स्टार्टअप इंडिया की शुरूआत की थी और 2014 में देश में 400 स्टार्टअप थे जो आज बढ़कर 80,000 से ज्यादा हो चुके हैं. उन्होंने कहा कि स्टार्टअप इकोसिस्टम के क्षेत्र में भारत का स्थान विश्व में तीसरा है और देश में 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न सक्रिय हैं. मंत्री ने कहा कि जल्द ही दीदियों (महिला स्वयं सहायता समूह की सदस्य) के पास अपने स्टार्टअप होंगे क्योंकि उनका मंत्रालय इन प्रस्तावों पर सक्रियता से विचार कर रहा है.

गिरिराज सिंह ने दीनदयाल अंत्‍योदय योजना - राष्‍ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई–एनआरएलएम) के प्रगति की सराहना करते हुए कहा कि 2014 में एसएचजी के 2.35 करोड़ सदस्य थेलेकिन पिछले आठ वर्षों में प्रधानमंत्री मोदी के सक्रिय समर्थन से एसएचजी के सदस्यों की संख्या बढ़कर लगभग 9 करोड़ हो चुकी है. उन्होंने कहा कि 2024 तक इसे 10 करोड़ तक पहुंचाने का लक्ष्य है. उन्होंने स्मरण किया कि जब वह एमएसएमई मंत्री थेतब खादी की बिक्री लगभग 8,000 करोड़ रुपये थी जो अब बढ़कर एक लाख करोड़ रुपये को पार कर चुकी हैसिर्फ इसलिए क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा लोगों से खादी का कम से कम एक उत्पाद खरीदने की अपील की गई.

मंत्री ने यह भी कहा कि 2014 से पहले एसएचजी का संचयी ऋण लगभग 80,000 करोड़ रुपये था और पिछले आठ वर्षों में बैंक लिंकेज 5.7 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा हो चुका हैजिसमें नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स (एनपीए) मात्र 2.1 प्रतिशत है. उन्होंने कहा कि एनपीए को एक प्रतिशत से नीचे लाने की कोशिश की जा रही है.

ग्रामीण विकास मंत्री ने कहा कि एनआरएलएम ग्रामीण एसएचजी महिलाओं द्वारा चलाए जा रहे व्यवसायों का समर्थन देने की कोशिश कर रहा है जो खाद्य उत्पादोंहस्तशिल्पों और हैंडलूम आदि का उत्पादन करने में लगे हुए हैं. उत्पादकों और बाजारों को आपस में लिंक करने के प्रयासों के भाग के रूप मेंएनआरएलएम और एसआरएलएम ने कई चैनलों जैसे सरस गैलरीराज्य के विशिष्ट खुदरा आउटलेटजीईएम और फ्लिपकार्टअमेजन जैसे ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्मों के माध्यम से एसएचजी और उसके सदस्य उद्यमियों के सहायक उत्पादों को बढ़ावा देने की दिशा में कदम उठाए गए हैं.

इसके अलावाराज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा भी स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों को ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों जैसे फ्लिपकार्टअमेजन और मीशो आदि पर पंजीकृत करवाने के प्रयास किए जा रहे हैं. गिरिराज सिंह ने कहा कि प्रत्येक महिला लाभार्थी को स्थानीय उत्पादों की बिक्री से प्रत्येक वर्ष कम से कम एक लाख रूपये की बचत करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि वह दिन दूर नहीं है जब कुछ लखपति दीदियां करोड़पति दीदियां बन जाएंगी.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आत्मनिर्भर भारत की सोच का उल्लेख करते हुए,सिंह ने कहा कि आज स्वयं सहायता समूहों के सर्वश्रेष्ठ उत्पादों का निर्यात विभिन्न देशों में हो रहा है और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्मों और अन्य उपायों के माध्यम से उनके बेहतरीन उत्पादों के बारे में स्थानीय और वैश्विक स्तर पर ज्यादा से ज्यादा जागरूकता अभियान चलाने की आवश्यकता है.

नागेंद्र नाथ सिन्हा, सचिव, ग्रामीण विकास मंत्रालय ने कहा कि लगभग 8 करोड़ 62 लाख महिलाएं स्वयं सहायता समूहों की सदस्य हैं और 97 प्रतिशत ब्लॉकों में उनकी उपस्थिति है, जबकि उनमें से 85 प्रतिशत मंत्रालय के नेटवर्क से सीधे तौर पर जुड़ी हुई हैं.

सिन्हा ने स्वयं सहायता समूहों और शिल्पकारों को सलाह दिया कि वे उपभोक्ताओं की मांग को समझें और उस आधार पर अपने उत्पादों में सुधार करें. उन्होंने कहा कि मंत्रालय विज्ञापन और एसएमएस के माध्यम से सरस मेले का प्रचार करेगा जिससे सभी प्रतिभागियों को बड़ी संख्या में उपभोक्ताओं के सामने अपने उत्पादों का प्रदर्शन करने का अवसर प्राप्त हो सके. उन्होंने यह भी कहा कि पिछले वर्ष सरस मेले में 4.32 करोड़ रुपये की बिक्री हुई थी, जिसका इस वर्ष 6 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है.

शैलेश कुमार सिंहओएसडीग्रामीण विकास मंत्रालय ने कहा कि मंत्रालय पूरे देश में एसएचजी नेटवर्क को मजबूत करने और एसएचजी सदस्यों को लखपति दीदियां बनाने वाले  गिरिराज सिंह जी के सपने को साकार करने के लिए राज्य सरकारों के साथ समन्वय में काम कर रहा है. चरणजीत सिंहअपर सचिव ने कहा कि इस वर्ष 26 राज्यों के 300 शिल्पकार 150 स्टालों के माध्यम से जनजातीय और अद्वितीय उत्पादों की प्रदर्शनी और बिक्री कर रहे हैं. उन्होंने देश की राजधानी दिल्ली में 28 अक्टूबर से 10 नवंबर, 2022 तक हस्तशिल्प भवनकनॉट प्लेसनई दिल्ली में आयोजित किए गए सरस फूड फेस्टिवल-2022 का भी उल्लेख किया.

प्रगति मैदान में आयोजित किए गए इस कार्यक्रम में सु लीना जौहरीअपर सचिवआर.पी. सिंहनिदेशक और ग्रामीण विकास मंत्रालय के कई अन्य अधिकारी भी शामिल हुए.

English Summary: Saras Aajeevika Mela 2022: Union Minister Giriraj Singh inaugurated Saras Aajeevika Mela 2022, more than 60000 startups included!
Published on: 21 November 2022, 12:58 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now