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Updated on: 24 August, 2023 4:53 PM IST
Rover 'Pragyan' started work

भारत ने बुधवार यानी 23 अगस्त को 6 बजकर 4 मिनट चंद्रमा पर चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग करा कर इतिहास रच दिया. इसके बाद से नासा समेत दुनियाभर से इसरो को लगातार बधाईयां मिल रही हैं. वहीं ढाई घंटे बाद चांद के दक्षिणी ध्रुव (South Pole) पर विक्रम लैंडर (Vikram Lander) से प्रज्ञान रोवर (Pragyaan Rover) भी बाहर आया. और प्रज्ञान रोवर अपना काम शुरु करते हुए 6 मूवमेंट कर चुका है.

Chandrayaan-3 Soft Landing: 40 दिन पहले 14 जुलाई को चंद्रयान-3 चंद्रमा की तरफ बढ़ा था, 41 वें दिन विक्रम लैंडर ने पहुंचकर मैसेज भेजा दिया है. चंद्रयान की सफल लैंडिंग के बाद से ही प्रज्ञान रोवर ने अपना काम करना शुरु कर दिया है. और तस्वीरें लेना शुरू  कर दिया है. देश के सामने पहली तस्वीर आ गई है. वहीं अब अगले 14 दिन तक प्रज्ञान रोवर चंद्रमा के बारे में जानकारी जुटाएगा. आपकों बता दें कि धरती के एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह पर लैंड करने वाला दुनिया का चौथा देश बनकर भारत विशिष्ट अंतरिक्ष क्लब में शामिल हो गया.

चांद की जमीं पर अशोक स्तंभ का निशान

रोवर प्रज्ञान जैसे-जैसे आगे बढ़ रहा है, वह चांद की जमीन पर अशोक स्तंभ और इसरो के निशान छोड़ता जा रहा है. प्रज्ञान के पहियों पर इसरो और अशोक स्तंभ के निशान बने हैं, इसमें रोवर के एक तरफ के पहियों पर इसरो का निशान है और दूसरी ओर के पहियों पर अशोक स्तंभ का निशान बना है.

दो अंतरिक्ष यान कर रहे परिक्रमा

चंद्रयान-2 ने चंद्रयान-3 का स्वागत किया. चांद पर चंद्रयान-2 का ऑर्बिटल मॉड्यूल भी मौजूद है, जो पिछले 4 साल से चंद्रमा की परिक्रमा कर रहा है. इसके विभिन्न पहलुओं पर जानकारियां भेज रहा है. इस समय लैंडर और रोवर के साथ-साथ हमारे दो अंतरिक्ष यान चंद्रमा की परिक्रमा कर रहे हैं.

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आपको बता दें कि इसरो के चीफ एस. सोमनाथ ने जानकारी देते हुए कहा कि चंद्रयान-2 की गलतियों में सुधार के बाद हमें चंद्रयान-3 में सफलता मिली हैं. अगले 14 दिन हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं. प्रज्ञान रोवर हमें चांद के वातावरण के बारे में जानकारी देगा. इसके अलावा हमारे कई मिशन अभी कतार में हैं.

चंद्रयान-2 की असफलता

चंद्रयान-2 ने इन सभी ऑपरेशनों को सफलतापूर्वक अंजाम दिया था, लेकिन सॉफ्ट लैंडिंग में असफल रहा था. इसलिए,  करोडों भारतीयों में सबसे ज्यादा उत्सुकता का विषय सॉफ्ट लैंडिंग  था. चंद्रयान-2 जब सॉफ्ट लैंडिंग नहीं कर पाया था. यह स्थिति बहुत तनावपूर्ण होती है, जो इसे गंभीरता से करते हैं.

चंद्रयान-3 इन तत्वों की करेगा खोज

चंद्रयान-3 चंद्रमा की परत और आवरण की जांच करेगा. इसके साथ ही सतह पर स्थित रासायनिक तत्वों की भी पहचान करेगा. इसके अलावा चांद की मिट्टी और चट्टानों में रासायनिक यौगिकों का पता लगाएगा. एल्यूमीनियम, सिलिकॉन, मैग्नीशियम, कैल्शियम और टाइटेनियम जैसे तत्वों की खोज करेगा. इसके अलावा चंद्रमा की सतह पर तापीय गुणों का अध्ययन करेगा.

English Summary: Rover 'Pragyan' started work
Published on: 24 August 2023, 05:03 PM IST

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