Poultry Farming: बारिश के मौसम में ऐसे करें मुर्गियों की देखभाल, बढ़ेगा प्रोडक्शन और नहीं होगा नुकसान खुशखबरी! किसानों को सरकार हर महीने मिलेगी 3,000 रुपए की पेंशन, जानें पात्रता और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया खुशखबरी! अब कृषि यंत्रों और बीजों पर मिलेगा 50% तक अनुदान, किसान खुद कर सकेंगे आवेदन किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ GFBN Story: मधुमक्खी पालन से ‘शहदवाले’ कर रहे हैं सालाना 2.5 करोड़ रुपये का कारोबार, जानिए उनकी सफलता की कहानी फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 23 November, 2022 1:34 PM IST
असम राज्य में अपार्ट परियोजना के तहत चावल फसल कैफेटेरिया मूल्यांकन सह क्षेत्र दिवस का आयोजन किया

गोलाघाट जिले के कठालगुड़ी विकास खंड के अंतर्गत कमलाबोरिया काकती गांव में असम कृषि व्यवसाय और ग्रामीण परिवर्तन (अपार्ट) परियोजना के तत्वावधान में सी.एस.एस.-कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन एजेंसी (आटमा) के सौजन्य से चावलों के किस्म पर कैफेटेरिया के सहभागी एक दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया. स्थानीय किसान प्रबीर बरुआ के दो बीघा खेत में विभिन्न किस्मों के चावलों की फसल की खेती की गई थी. 

जिसमें एस.टी.आर.वी, प्रीमियम गुणवत्ता वाले चावल (पी.क्यू.आर), उच्च उपज वाली किस्म (एच.वाई.वी) और स्थानीय किस्मों को मिलाकर दस किस्मों के धान की खेती हेतु किसानों को प्रशिक्षण प्रदान कर खेती की गई. प्रबीर बरुआ के खेतों में उगाए गए चावल की दस किस्मों में रंजीत उप-1, बहादुर उप-1, स्वर्ण उप-1, बीना-11, बीना-17, काला चावल, सी.आर सुगंध धन-310, लाल गंगा, डी.आर.आर धन-44 और मसूरी के धान उगाये गए. इस कार्यक्रम की शुरुआत कठालगुड़ी विकास खंड के प्रखंड प्रौद्योगिकी प्रबंधक (बी.टी.एम.) डॉ. फोरिदुर रहमान बोरा के स्वागत भाषण और परिचय सत्र से किया गया.

आयोजन का शुभारंभ करते हुए आटमा - गोलाघाट के उप परियोजना निदेशक (उप.पी.डी.) तपन कुमार महंत ने कहा कि 'चावल किस्म कैफेटेरिया' नई किस्मों के वैज्ञानिक मूल्यांकन और चयन प्रक्रिया की सुविधा प्रदान करता है. उप.पी.डी.-आटमा, गोलाघाट ने पारंपरिक खेती से व्यावसायिक खेती अभ्यास में स्थानांतरित करने के लिए धान के खेतों में लाइन ट्रांसप्लांटिंग के फायदे और फार्म मशीनीकरण के महत्व के बारे में लाभार्थी और स्थानीय किसानों को जानकारी दी.

बी.टी.एम. कठालगुड़ी विकास खंड के डॉ. फ़ोरिदुर रहमान बोरा ने स्थानीय पर्यावरण के लिए किसानों द्वारा स्वयं चावल की किस्मों के चयन के महत्व को विस्तार से बताया जिससे शोधकर्ताओं और प्रजनकों को क्षेत्र के किसानों की पसंद के अनुसार किस्में विकसित करने में आसानी होने और इस प्रकार संचालन के महत्व को समझाया. उन्होंने कहा कि बीज बोने से लेकर कटाई तक की पूरी प्रक्रिया पर अंतर्राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान (International Rice Research Institute - IRRI) और आटमा की टीमों के अधिकारी और कर्मी नियमित रूप से कड़ी निगरानी रखते हैं. असम कृषि मिशन के कार्यक्रम अधिकारी डॉ. अमरजीत सैकिया ने किसानों को कृषि विभाग की विभिन्न योजनाओं और  तनाव-सहनशील चावल की किस्मों के विषय पर विस्तार से चर्चा की.

अंतर्राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान के अनुसंधान तकनीशियन (Research Technician), अपार्ट परियोजना- गोलाघाट अभिषेक सिंघा ने लाभार्थीयों और स्थानीय किसानों को धान खरीद के विषय में जानकारी दी. उन्होंने धान के गुणवत्ता मानकों, पंजीकरण की प्रक्रिया, जिले में खरीद एजेंसियों आदि की जानकारी दी.

ये भी पढ़ें: असम का लाल चावल विदेशों में मचा रहा है धूम, जानें क्या है ख़ासियत

इस अवसर पर उपस्थित अधिकारियों एवं अधिकारियों ने धान की किस्मों की मूल्यांकन प्रक्रिया में भी भाग लिया और विविधता मूल्यांकन पर अपने वैज्ञानिक विचार व्यक्त किए. कार्यक्रम के अंतिम भाग के दौरान, लाभार्थी और स्थानीय किसानों ने इस आयोजन पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए यहां प्राप्त जानकारी की सराहना की. इस कार्यक्रम में गांव के 30 किसानों ने भाग लिया. इस कार्यक्रम के अंत में अपार्ट परियोजना के जिला सामाजिक क्षेत्र समन्वयक गोलाघाट मयूरी बोरा ने धन्यवाद ज्ञापन किया.

English Summary: Rice crop cafeteria assessment cum field day organized under APART project in the state of Assam
Published on: 23 November 2022, 01:56 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now