सेवानिवृत्त अधिकारी किशन चन्द्रा पाण्डेय ने अपने किचन गार्डन मे 2.5 फीट लम्बी स्पंज लौकी उगाई है. उनके इस कारनामे से वैज्ञानिक भी हैरेत में है. इस स्पंज लौकी को उन्होंने जैविक खेती के माध्यम से उगाया है. ऊंचापुल, हल्द्वानी निवासी 67 वर्षीय किशन चन्द्रा पांडे को बचपन से ही जैविक खेती में रूचि थी. खेती में उनका यह लगाव किसान परिवार से ताल्लुक रखने के कारण था. अपने घर में बनाये किचन गार्डन में वह और उनकी बेटी संध्या पांडे कई सब्जियों का उत्पादन कर रहे हैं.
जीबी पंत कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, पंतनगर से प्लांट पैथोलॉजी से मास्टर्स उनकी बेटी संध्या ने बताया कि उनके पिताजी का उद्देश्य कृषक समुदाय के बीच जैविक खेती को बढ़ावा देना और कीटनाशकों के उपयोग को कम करना और कम क्षेत्र वाले अपने किचन गार्डन से अधिकतम सब्जियों का उत्पादन करना था. पिछले चार सालों से वह सब्जी की इस जैविक खेती को जमीन के एक छोटे से हिस्से में कार्य कर रहे हैं जिसमें अमरूद, अरवी, आम, मक्का, खीरा, हल्दी, लौकी, और करेला उगाते है, लेकिन इस साल उन्होंने इसमें कुछ बदलाव किए. विशेष रूप से स्पंज लौकी में खेती की तकनीक में. जिसके बाद उन्होने स्पंज लौकी की लम्बाई और वजन में अत्याधिक वृद्धि पाई. उनकी स्पंज लौकी की लम्बाई 2.5 फीट और वजन 700 ग्राम आया. जिससे उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा. अपनी इस विधि से बुवाई के लिए वह अन्य को भी प्रेरित करने में लगे हुए है
जैविक खेती में यह किया प्रयोग
संध्या ने बताया कि उनके पिताजी ने अपने किचन गार्डन में जैविक विधि के लिए सस्ती और आसानी से उपलब्ध होने वाली वस्तुओं का प्रयोग किया है. इसके लिए उन्होने गोबर की खाद, धान की भूसी और सरसो की खली का मिश्रण तैयार कर खेत में प्रयोग किया. इसके अलावा नीम के तेल का छिड़काव भी किया.
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