Aaj Ka Mausam: देश के इन 3 राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट, जानें अगले 4 दिन कैसा रहेगा मौसम? PM Kusum Yojana से मिलेगी सस्ती बिजली, राज्य सरकार करेंगे प्रति मेगावाट 45 लाख रुपए तक की मदद! जानें पात्रता और आवेदन प्रक्रिया Farmers News: किसानों की फसल आगलगी से नष्ट होने पर मिलेगी प्रति हेक्टेयर 17,000 रुपये की आर्थिक सहायता! Rooftop Farming Scheme: छत पर करें बागवानी, मिलेगा 75% तक अनुदान, जानें आवेदन प्रक्रिया भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ महिलाओं के लिए तंदुरुस्ती और ऊर्जा का खजाना, सर्दियों में करें इन 5 सब्जियों का सेवन ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक Wheat Farming: किसानों के लिए वरदान हैं गेहूं की ये दो किस्में, कम लागत में मिलेगी अधिक पैदावार
Updated on: 25 October, 2022 3:38 PM IST
Rakesh tikait warned cm nitish kumar on apmc

बिहार में 16 साल पहले मंडी व्यवस्था ख़त्म कर दी गई थी लेकिन अब इसे दोबारा शुरू करने की मांग बढ़ती जा रही है. पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह के बाद किसान नेता राकेश टिकैत ने राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखकर मंडी क़ानून को वापस लाने की मांग की है. ऐसा न होने पर उन्होंने आंदोलन की चेतावनी भी दी है.

टिकैत ने सीएम नीतीश को लिखा पत्र-

चर्चित किसान नेता और भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने 17 अक्टूबर को राज्य के मुखिया नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) को पत्र लिखा. टिकैत पत्र में लिखते हैं कि, “बिहार में पिछले 15 से 16 वर्षों से मंडियां बंद हैं. जिससे वहां के किसानों को न तो फ़सल बेचने का कोई प्लेटफॉर्म मिल पा रहा है और न ही फ़सल का भाव प्रभावी रूप से मिल पा रहा है. राज्य का किसान अपने खाद्यान्न को दलालों के ज़रिए लागत से कम मूल्य पर बेचने को मजबूर है. बिहार के किसानों की आर्थिक स्थिति बद से बदतर होती चली जा रही है. यहां के किसानों के पास न खेती करने के लिए बीज के पैसे हैं और न ही अपने परिवार के पालन-पोषण के लिए. सूबे का किसान दूसरे प्रदेशों में जाकर मज़दूरी करने के लिए मजबूर है. धन की कमी के चलते किसान परिवार से आने वाले छात्रों की शिक्षा पर बहुत असर पड़ रहा है. मुख्यमंत्री से हमारा अनुरोध है कि बिहार में दोबारा मंडिया शुरू की जाएं. किसानों को उनकी उपज बेचने का प्लेटफ़ॉर्म और उनकी फ़सलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) दिया जाए. टिकैत आगे लिखते हैं कि, अगर यह काम नहीं होता है तो हम बिहार में बड़ा आंदोलन करने को मजबूर होंगे.”

नीतीश कुमार ने ही ख़त्म की थी मंडी व्यवस्था-

बात साल 2006 की है नीतीश कुमार तब NDA गठबंधन का हिस्सा थे और सूबे के सीएम भी थे. इसी साल एपीएमसी अधिनियम (APMC Act) और मंडी व्यवस्था को उन्होंने ख़त्म कर दिया था.

ये भी पढ़ें- दिल्ली पुलिस का एक मामूली सब इंस्पेक्टर इस तरह बन गया किसान नेता, जानिए कौन हैं राकेश टिकैत

पूर्व मंत्री भी कर चुके हैं मांग-

राजद (RJD) नेता ओर पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने भी मंडी सिस्टम की फिर से बहाली की मांग उठाई थी. आरजेडी नेता ने इसके लिए अपने विभाग के अधिकारियों को पीत पत्र भी लिखा था. कृषि से जुड़े मामलों को उठाने और अपने ही विभाग के अफ़सरों पर सवाल उठाने की वजह से सीएम नीतीश कुमार से उनके रिश्ते तल्ख़ होते गएं. आख़िर में राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) का आदेश मानते हुए उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफ़ा दे दिया.

English Summary: rakesh tikait warned cm nitish kumar on apmc
Published on: 25 October 2022, 03:45 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now