मौसम की मार ना सिर्फ आम जनता पर पड़ता है बल्कि इसकी मार किसानों की फसलों पर भी उतनी ही पड़ती है. कभी-कभी तो ये मौसम पूरी की पूरी फसलें बर्बाद कर देता है. जिससे किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ता है. ऐसे में कृषि जागरण किसान भाईयों के लिए एग्रोमेट एडवाइजरी (Agromet Advisory) लेकर आया है. ये एग्रोमेट एडवाइजरी मौसम विभाग केंद्र लखनऊ द्वारा उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए अभी के मौसम को देखते हुए जारी की गई है. इसमें बताया गया है कि किसानों को अपनी फसलों को सुरक्षित रखने के लिए मौजूदा मौसम में क्या करना चाहिए और क्या नहीं.
जिले- फतेहपुर, प्रतापगढ़, इलाहाबाद, चित्रकूट, कौशांबी, बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, गोंडा, कुशीनगर, सिद्धार्थनगर और महराजगंज के किसानों के लिए जरूरी सलाह
खरीफ फसल
धान: धान की परिपक्व फसलों की जल्द से जल्द कटाई एवं मड़ाई करके धूप में सुखाकर सुरक्षित स्थान पर भण्डारित करें.
ज्वार: ज्वार की फसल में हेड मिज या रेडबग की रक्षा करें
बाजरा: बुवाई के 20 दिन के भीतर जुताई करनी चाहिए.
मक्का: मक्के की पक चुकी फसल को काटकर धूप में सुखा लें.
मूंगफली: मूंगफली की परिपक्व फसल की कटाई और मड़ाई का काम पूरा करें.
रबी फसल
गेहूं: उच्च अंकुरण और स्टैंड स्थापना के लिए उचित मिट्टी की नमी पर वर्षा सिंचित फसल की लाइन बुवाई करें.
गन्ना: गन्ने के Pyorrhia disease के उपचार के लिए फास्फोमिडोन या मिथाइल-ओ-डेमेटॉन को 1000 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें.
सब्जियां
गोभी, टमाटर, फूलगोभी, चना और मटर की बुवाई करें. हरे चारे के रूप में तोरिया, ज्वार, मक्का, बाजरा और ग्वार की बुवाई शुरू करें. आलू की अगेती किस्मों की बुवाई के लिए खाद और बीज की व्यवस्था करें.
फल
केले में पौधों से 50 सेंटीमीटर की दूरी पर 55 ग्राम यूरिया/पौधा लगाएं. आम, अमरूद, नींबू, अंगूर, बेर और पपीते के बाग में आवश्यकतानुसार सिंचाई करें.
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पशुपालन
पौष्टिक चारा और अनाज खिलाएं. दिन में 3-4 बार साफ और ताजा पानी दें. टीकाकरण अब किया जाना चाहिए. इन्हें शेड के नीचे रखें. स्वच्छ दूध के उत्पादन के लिए साफ बर्तन रखें.
जिले: जालौन, झांसी, ललितपुर, महोबा, बांदा और हमीरपुर के किसानों के लिए अहम जानकारी
रबी की फसल
किसानों को सलाह दी जाती है कि वे रबी फसल जैसे चना, खेत मटर सरसों आदि की बुवाई शुरू कर दें.
मूंग और उड़द की फसल की परिपक्व फलियों को चुनें और खेत में लगा दें.
सब्जियां
खेत की तैयारी तथा अगेती सब्जी मटर की बुवाई अक्टूबर के प्रथम या द्वितीय सप्ताह में कर लेनी चाहिए. सब्जी मटर की बुवाई के लिए साथी खेत तैयार करें.
फल
आम, अमरूद, लीची, आंवला, नींबू, जामुन, बेर, केला और पपीता आदि बागों में आवश्यकतानुसार सिंचाई करें.
पशुपालकों के लिए जरूरी सलाह
गाय-मवेशियों को सूखा रखना चाहिए, दुधारू पशुओं को संतुलित आहार देना चाहिए. खुरपका और मुंहपका रोग के नियंत्रण के लिए गाय में डी-वॉर्मिंग कराएं.