जायटॉनिक टेक्नोलॉजी: क्यों है खेती का समग्र और स्थायी समाधान? सम्राट और सोनपरी नस्लें: बकरी पालक किसानों के लिए समृद्धि की नई राह गेंदा फूल की खेती से किसानों की बढ़ेगी आमदनी, मिलेगा प्रति हेक्टेयर 40,000 रुपये तक का अनुदान! किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ जायटॉनिक नीम: फसलों में कीट नियंत्रण का एक प्राकृतिक और टिकाऊ समाधान Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं
Updated on: 25 May, 2019 1:43 PM IST

पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायलय ने अमीर किसानों को मिल रही ट्यूबबेल पर सब्सिडी और मुफ्त बिजली की सुविधा को बंद करने को कहा है. हाईकोर्ट ने सरकार को नोटिस जारी करते हुए पूछा है कि सरकार इस सुविधा को वापस क्यों नहीं ले लेती है? इस पर हाईकोर्ट ने दोनों ही सरकार से जबाव मांगा है अब इस मामले पर अगली सुनवाई 6 अगस्त को ही होगी. चीफ जस्टिस कृष्णा मुरारी एवं जस्टिस अरूण पल्ली की खंडपीठ ने यह आदेश इस मामले को लेकर एडवोकेट एच सी एरोड़ा ने एक जनहित याचिका को सुनवाई के लिए डाला था. पंजाब सरकार ने कहा था कि जिस नीति के तहत किसानों को खेतों में पंपसैट के लिए मुफ्त के लिए बिजली दी जा रही है.  उसमें अमीर और गरीब में कोई फर्क नहीं रखा गया है. सब्सिडी की संबंधित सर्कुलर पर कहा गय़ा है कि कोई किसान अगर सब्सिडी को छोड़ना चाहता है तो वह किसी की  स्वेच्छा से छोड़ सकता है. हाईकोर्ट ने कड़ा रूख अपनाते हुए कहा कि इसे किसी स्वेच्छा पर नहीं छोड़ा जा सकता है. इस मामले में अब सरकार कार्रवाई करके इस सब्सिडी को वापस  ले सकती है.

पंजाब सरकार ने 6 हजार करोड़ रूपये का भुगतान किया

याचिका में कहा गया है कि वर्ष 2016-17 में ही टयूबबेल के लिए मुफ्त बिजली दिए जाने के चलते सरकार को 6,113 करोड़ रूपये का पी एस पी सी एल का भुगतान करना पड़ा है. जबकि राज्य में नेताओं समेत कई अफसर भी अपने खेतों में मुफ्त में बिजली का इस्तेमाल कर रहे है. अरोड़ा ने हाईकोर्ट से मांग की है कि ऐसे अमीर किसानों जिनमें मुख्यमंत्री, अन्य पूर्व मंत्री और आई ए एस, आई पी एस समेत बड़े अफसर शामिल है. यह सब्सिडी सिर्फ गरीब और जरूरतमंद किसानों को ही दी जानी चाहिए. अमीरों को मिल रही सब्सिडी को तुरंत बंद कर देना चाहिए.

केवल जरूरतमंदों को ही मिले सब्सिडी

अरोड़ा ने कहा कि एक ओर सरकार अपने वित्तीय संकट का रोना रो रही है और अपने कर्मियों तक को समय पर वेतन तक नहीं दे पा रही है, दूसरी ओर खुद मंत्री नेता और बड़े-बड़े अधिकारी अपने खेतों में मुफ्त बिजली को इस्तेमाल कर रहे है और यह राशि सरकार के खजाने से पी एस सी पी एल को जारी कर दी जा रही है. लिहाजा किसे सब्सिडी दी जाए और किसे नहीं यह सरकार पहले इसको तय करें. इस सब्सिडी से क्रीमी लेयर को बाहर करे और जरूरूतमंदों को ही सब्सिडी दी जाए.

English Summary: Questions asked by the High Court on getting subsidy for rich farmers
Published on: 25 May 2019, 01:48 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now