बिट्रेन की महारानी एलिजाबेथ का गुरुवार रात (भारतीय समयानुसार) स्कॉटलैंड के बाल्मोरल कैसल में 96 साल की उम्र में निधन हो गया. बता दें कि उन्होंने 70 साल तक अपने देश में शासन किया. यानी महारानी एलिजाबेथ ने सबसे लंबे समय तक ब्रिट्रेन में शासन किया और आज उनके जाने की खबर सुनकर पूरे देश की आंखें नम हैं. उनके अंतिम दर्शन के लिए संसद के बाहर लोगों का जमावड़ा उमड़ने लगा है.
बता दें कि महारानी एलिजाबेथ का जन्म 21 अप्रैल 1926 को ब्रिटेन के शाही परिवार में हुआ था. सन् 1952 में पिता जॉर्ज षष्ठम् के निधन के बाद एलिजाबेथ ने महारानी का पद संभाला था. तब वह महज 25 साल थी.
राष्ट्रपति ने ट्वीट कर श्रद्धांजलि दी
"ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन से दुनिया ने एक महान शख्सियत खो दी है. एक युग बीत चुका है जब उसने अपने देश और लोगों को 7 दशकों से अधिक समय तक चलाया. मैं यूके के लोगों के दुख को साझा करती हूं और परिवार के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करती हूं."
प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर श्रद्धांजलि दी
“महामहिम महारानी एलिजाबेथ द्वितीय को हमारे समय की एक दिग्गज के रूप में याद किया जाएगा. उन्होंने अपने राष्ट्र और लोगों को प्रेरक नेतृत्व प्रदान किया. उन्होंने सार्वजनिक जीवन में गरिमा और शालीनता का परिचय दिया. उनके निधन से आहत हूं. इस दुख की घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और ब्रिटेन के लोगों के साथ हैं”
सम्राट बने चार्ल्स
ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन के बाद प्रिंस चार्ल्स को ब्रिट्रेन की राजगद्दी में बिठा दिया गया है. यानी सालों से चली आ रही परंपरा को बरकरार रखते हुए बड़ें बेटे चार्ल्स को सम्राट बनाना गया. जिन्हें अब सम्राट चार्ल्स तृतीय के नाम से जाना जाएगा.
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कब होगा अंतिम संस्कार
खबरों की मानें, तो महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का अंतिम संस्कार 10 दिनों के बाद किया जाएगा. इसके साथ ही 2 दिनों तक उनका पार्थिव शव संसद में ही रखा जाएगा. इसके आलावा परंपरा के अनुसार अंतिम संस्कार से पहले ब्रिटेन के नए उत्ताराधिकारी यानि सम्राट चार्ल्स पूरे देश की यात्रा करेंगे .