AIF Scheme: किसानों के लिए वरदान है एग्री इंफ्रा फंड स्कीम, सालाना कर सकते हैं 6 लाख रुपये तक की बचत, जानें कैसे करें आवेदन स्टार 33 मक्का: कम निवेश में बंपर उत्पादन की गारंटी इस किस्म के दो किलो आम से ट्रैक्टर खरीद सकते हैं किसान, जानें नाम और विशेषताएं भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ एक घंटे में 5 एकड़ खेत की सिंचाई करेगी यह मशीन, समय और लागत दोनों की होगी बचत Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Goat Farming: बकरी की टॉप 5 उन्नत नस्लें, जिनके पालन से होगा बंपर मुनाफा! Mushroom Farming: मशरूम की खेती में इन बातों का रखें ध्यान, 20 गुना तक बढ़ जाएगा प्रॉफिट! आम की फसल पर फल मक्खी कीट के प्रकोप का बढ़ा खतरा, जानें बचाव करने का सबसे सही तरीका
Updated on: 18 November, 2021 2:45 PM IST
IARI Pusa Advisory

भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) हमेशा ही किसानों के हित के लिए एडवाइजरी जारी करता रहता है और इसी संदर्भ में IARI के कृषि वैज्ञानिकों ने मौसम को ध्यान में रखते हुए किसानों को गेहूं की बुवाई (Wheat Farming) के लिए तैयार खेतों में उन्नत बीज और उर्वरक की व्यवस्था करने की सलाह दी है. उन्होंने बताया कि यदि पलेवा के बाद खेत में जई आ जाती है तो उसमें गेहूं की बुवाई आराम से की जा सकती है.

किन फसलों की करें बुवाई (Which crops to sow)

IARI के मुताबिक, किसान सरसों की फसल की बुवाई कर सकते है. सरसों की फसल (Mustard Farming) में समय पर रेयरफेक्शन और खरपतवार नियंत्रण (Rarefaction & Weed Control) का काम शुरू कर दें. साथ ही अभी का मौसम प्याज की बुवाई (Onion Farming) के लिए भी अनुकूल है.

बीज बोने से पहले कैप्टन 2.5 ग्राम प्रति किलो की दर से उपचारित कर लें. वहीं आलू की बुवाई (Potato Farming) के लिए भी नवंबर का मौसम अनुकूल है. इसलिए आलू की बुवाई के लिए किसान  कुफरी बादशाह, कुफरी ज्योति, कुफरी अलंकार और कुफरी चंद्रमुखी किस्मों की बुवाई कर सकते हैं.

इसके अलावा, इस मौसम में किसान घास के मैदानों में गाजर की बुवाई (Carrot Farming) कर सकते हैं. और इसकी उन्नत किस्म पूसा रूधिर है. बुवाई से पहले, बीज को कैप्टन 2 ग्राम किलोग्राम बीज से उपचारित करें और फसलों पर देशी खाद, पोटाश और फास्फोरस उर्वरक का छिड़काव जरूर करें.

किसानों को फसलों की निगरानी करनी जरुरी है क्योंकि इस मौसम में दीमक लगने की आशंका ज़्यादा रहती है.

IARI के अनुसार, इस सीजन में मूली, पालक, बथुआ, ब्रोकली, लेट फूलगोभी, पत्ता गोभी, टमाटर, मेथी, फूलगोभी और सलगम की खेती की जा सकती है. बुवाई से पहले मिट्टी में उचित नमी का ध्यान रखना जरुरी है. बता दें कि इस मौसम में इन सभी फसलों की बुवाई से आप भविष्य में अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.

फसल को दीमक से कैसे बचाएं (How to protect crops from termites)

किसान फसल पैदा करने के लिए दिन-रात मेहनत करते हैं, लेकिन कई बार दीमक (termites) जैसे कीटों के प्रकोप से फसल बर्बाद हो जाती है. कई बार दीमक के प्रकोप से फसल को अच्छी उपज नहीं मिलती है.

इसे भी पढ़ें: सरसों की उन्नत किस्म पूसा 0031 से मिलेगा बंपर उत्पादन, जानिए इसकी खासियत

दीमक सरसों, चना, गेहूं और अन्य फसलों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाती है. और यदि फसल में दीमक लग जाये तो इसके लिए कुछ कीटनाशक का छिड़काव करना चाहिए.

खड़ी फसल हो तो 2 लीटर पानी में 2 लीटर क्लोरपाइरीफॉस 20 ईसी मिलाकर 20 किलो बालू में कुल 4 लीटर घोल मिलाएं. इसके बाद समान रूप से छिड़काव कर फसल की सिंचाई करें. इस प्रक्रिया से फसल में दीमक के प्रकोप को रोका जा सकता है.

English Summary: Pusa scientists issued advisory, know which crops to sow
Published on: 18 November 2021, 02:51 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now