23 अक्तूबर, 2021 को कृषि विज्ञान केंद्र, उजवा, दिल्ली में भारत सरकार की परियोजना फसल अवशेष का स्व-स्थान प्रबंधन के अंतर्गत ’’पूसा डी कंपोजर के घोल के निर्माण कार्य का प्रारम्भ डा. नवीन अग्रवाल, (भा. प्र. से.),
जिलाधीश व् उपायुक्त, दक्षिण-पश्चिम दिल्ली जिला, दिल्ली एवं अमित काले, (भा. प्र. से.), उप जिलाधिकारी, नजफगढ़, दक्षिण-पश्चिम दिल्ली जिला, दिल्ली की उपस्थिती में किया गया.
डा. अग्रवाल ने बताया कि किसानों को भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान पूसा, नई दिल्ली के द्वारा विकसित बायो पूसा डी कंपोजर तकनिकी को अपनाना चाहिए जिससे किसानों को पराली प्रबंधन में मदद मिलेगी.
डॉ. पी. के. गुप्ता, अध्यक्ष, कृषि विज्ञान केंद्र, उजवा, दिल्ली ने बायो डि कम्पोजर का घोल बनाने की विधि एवं छिड़काव के बारे में अवगत करवाते हुए मृदा में जीवांश प्रदार्थ की बढ़ोत्तरी की उपयोगिता के बारे में बताया
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साथ ही किसानों को सलाह दी कि डी कंपोजर का प्रयोग धान की पराली के साथ अन्य फसलों के अवशेषों को मिट्टी में मिलाकर मृदा में जीवांश प्रदार्थ की मात्रा में बढ़ोत्तरी कर सकते हैं.
इस वर्ष कृषि विज्ञान केंद्र के द्वारा 50 हेक्टेयर में पूसा डी कंपोजर के घोल का छिड़काव की योजना दक्षिण-पश्चिम दिल्ली, उत्तरी दिल्ली व उत्तरी -पश्चिम दिल्ली में है.