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Updated on: 3 April, 2025 4:15 PM IST
डॉ राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा

डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा के गन्ना अनुसंधान संस्थान के स्थापना दिवस के अवसर पर जलवायु अनुकूल गन्ना उत्पादन तकनीक और बिहार में गन्ना उत्पादकता बढ़ाने को लेकर एक विमर्श सत्र आयोजित किया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति डॉ. पी. एस. पांडेय ने कहा कि गन्ना अनुसंधान संस्थान का गौरवशाली इतिहास रहा है और हमें इससे सीखकर नया इतिहास लिखना होगा. उन्होंने वैज्ञानिकों से मल्टी-डिसिप्लिनरी टीम के साथ काम करने का आग्रह किया.

उन्होंने बिहार सरकार के द्वारा सेंटर आफ एक्सीलेंस की स्थापना को लेकर धन्यवाद दिया. विश्वविद्यालय आने वाले समय में बिहर को गुड़ उत्पादन के क्षेत्र में देश में नंबर वन बनाना चाहती है और बिहार सरकार के सहयोग से जल्द ही यह सपना पूरा होगा.

गन्ना अनुसंधान में ऐतिहासिक प्रगति

  • बिहार सरकार गन्ना अनुसंधान को लेकर विश्वविद्यालय को पूरा सहयोग दे रही है.
  • जल्द ही बिहार को गुड़ उत्पादन के क्षेत्र में देश में नंबर वन बनाने का सपना साकार होगा.
  • इथेनॉल उत्पादन बढ़ाने के लिए भी वैज्ञानिकों को नई किस्मों पर शोध करने की जरूरत है.
  • विश्वविद्यालय गन्ना किसानों के लिए एक मोबाइल एप विकसित कर रहा है, जिसे जल्द ही लॉन्च किया जाएगा.
  • संस्थान में सर्टिफिकेट और डिप्लोमा कोर्स शुरू करने पर भी विचार किया जा रहा है.

गन्ना अनुसंधान संस्थान की उपलब्धियां

कार्यक्रम में राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ. वी. पी. सिंह ने कहा कि संस्थान ने देश को 100 से अधिक गन्ने की किस्में दी हैं और रोग नियंत्रण की तकनीक विकसित की है. उन्होंने विश्वविद्यालय के प्रयासों की सराहना की और कहा कि यह तेजी से प्रगति कर रहा है. डॉ. ए. के. सिंह, निदेशक अनुसंधान ने बताया कि शिक्षा, अनुसंधान और प्रसार के क्षेत्र में पिछले तीन वर्षों में ऐतिहासिक कार्य हुए हैं, जिसका असर अब स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है.

गुड़ उत्पादों की सराहना

गन्ना अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ. देवेंद्र सिंह ने विश्वविद्यालय द्वारा बनाए गए गुड़ के विभिन्न उत्पादों के बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि इन उत्पादों को विधानसभा में भी प्रस्तुत किया गया, जहां इसकी काफी सराहना हुई.

तकनीकी सत्र और किसान हितैषी कदम

  • दो तकनीकी सत्र आयोजित हुए, जिनमें गन्ना की उत्पादकता बढ़ाने और जलवायु अनुकूल गन्ना उत्पादन को लेकर वैज्ञानिकों ने अपने शोध साझा किए.
  • प्रगतिशील कृषक डॉ. सुधांशु कुमार ने विश्वविद्यालय के योगदान की प्रशंसा की और माइक्रो इरिगेशन से जुड़ी किसानों की समस्याओं पर चर्चा की.

कार्यक्रम में प्रमुख हस्तियां

इस अवसर पर डॉ. एस. एन. सिंह, डॉ. उमाकांत बेहरा, डॉ. रमन त्रिवेदी, डॉ. डी. के. राय, डॉ. राकेश मणि शर्मा, डॉ. सी. के. झा, डॉ. डी. एन. कामत और कई अन्य वैज्ञानिक व पदाधिकारी उपस्थित रहे.

English Summary: Pusa agricultural university bihar number one jaggery production mobile app launch
Published on: 03 April 2025, 04:18 PM IST

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