चंडीगढ़: पंजाब सरकार ने केरल सरकार को पशुओं के चारे के रूप में धान की पराली उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है. राज्य के कैबिनेट मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर ने कहा है कि सरकार के इस कदम से पंजाब के किसानों को पराली से निपटने में आसानी मिलेगी. इससे किसानों को पराली जलाने की जरूरत नही पड़ेगी.
राज्य सरकार द्वारा जारी सूचना के अनुसार, केरल की पशुपालन मंत्री जे. चिंचुरानी ने इस पर कहा है कि केरल में डेयरी आजिविका का मुख्य स्त्रोत है. राज्य के लाखों किसान इस व्यवसाय से जुड़े हुए हैं. देश में पंजाब के बाद केरल दूध उत्पादन में दूसरे स्थान पर है. पिछले कुछ वर्षों में पशुओं को खिलाने की उच्च लागत ने डेयरी संचालन और विकास पर असर डाला है.
केरल की मंत्री यहां 21 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल के साथ पहुंची थीं.
केरल की पशुपालन मंत्री जे. चिंचुरानी ने कहा कि केरल की भौगोलिक स्थिति के कारण किसान, यहां मवेशियों के चारे का पर्याप्त मात्रा में उत्पादन नहीं कर पाते. केंद्र सरकार की किसान रेल परियोजना के जरिए धान की पराली को केरल राज्य तक आसानी से ले जाया जा सकता है. इससे राज्य में बड़ी संख्या में डेयरी किसानों को लाभ होगा.
इस पहल को दोनों राज्यों के लिए फायदे का सौदा बताते हुए पंजाब के कैबिनेट मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर ने कहा कि आम आदमी पार्टी की भगवंत मान सरकार केरल सरकार की हर संभव मदद के लिए तैयार है. राज्यों के बीच हुए समझौतों को समय पर सामने रखा जाएगा.
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पंजाब के मंत्री ने कहा कि राज्य देश की पशुधन आबादी में 1.31 प्रतिशत का योगदान देता है, साथ ही देश के कुल दुग्ध उत्पादन में पंजाब की 6.70 प्रतिशत हिस्सेदारी है. पंजाब में प्रति व्यक्ति दूध और अंडे की पैदावार देश में सबसे अधिक है. देश के कृषि प्रमुख राष्ट्र होने में राज्य की भूमिका अहम है.
राज्य के पशु अस्पताल पर प्रकाश डालते हुए राज्य पशुपालन सचिव विकास प्रताप ने कहा कि राज्य में लगभग 3000 पशु चिकित्सा संस्थान हैं. प्रति संस्थान में औषतन लगभग 2400 जानवरों का इलाज होता है. ये लगभग 4.5 किलोमीटर के दायरे में भोजन करते हैं.