Maize Farming: रबी सीजन में इन विधियों के साथ करें मक्का की खेती, मिलेगी 46 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार! पौधों की बीमारियों को प्राकृतिक रूप से प्रबंधित करने के लिए अपनाएं ये विधि, पढ़ें पूरी डिटेल अगले 48 घंटों के दौरान दिल्ली-एनसीआर में घने कोहरे का अलर्ट, इन राज्यों में जमकर बरसेंगे बादल! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 8 April, 2024 6:53 PM IST
पंजाब कृषि विश्वविद्यालय

पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (पीएयू) ने अपनी अपनी स्थापना के बाद से किसानों से गैर-अनुशंसित बीजों को खरीदने से बचने के लिए और विश्वसनीय स्रोत से बीजों को खरीदने का आग्रह और प्रोत्साहित करता रहा है. किसानों के दीर्घकालिक विश्वास और भरोसे को बनाए रखने के लिए गुणवत्ता और मानकों को ध्यान रखते हुए, पीएयू ने पीआर 130, पीआर 129, पीआर 128, पीआर 126, पीआर 121 और पीआर 114 जैसी कम अवधि की धान की किस्मों के पर्याप्त बीज का उत्पादन किया है.

खरीफ सीजन के भी बीज

वर्तमान खरीफ सीजन के लिए बासमती की किस्में जैसे पंजाब बासमती 7, पूसा बासमती 1847, पूसा बासमती 1121 और पूसा बासमती 1509 की जैसी बासमती उपजों के बीज भी है. यह जानकारी देते हुए एसोसिएट डायरेक्टर (बीज) डॉ. राजिंदर सिंह ने बताया कि धान की सभी किस्में बैक्टीरिया ब्लाइट के प्रति प्रतिरोधी हैं और इनमें भूसे का भार भी कम है.

ये भी पढ़ें: गायों में फैला ये खतरनाक वायरस! कोरोना से गुना ज्यादा घातक, विशेषज्ञों ने जारी किया अलर्ट

अधिक उपज और कम अवधि

इनके अलावा, अधिक उपज देने और कम अवधि वाली ग्रीष्मकालीन मूंग की किस्म एसएमएल 1827 का बीज भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है. राजिंदर सिंह ने आगे कहा कि, ये बीज राज्य के सभी जिलों में स्थित विभिन्न कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके), फार्म सलाहकार सेवा केंद्रों (एफएएससी), क्षेत्रीय अनुसंधान स्टेशनों (आरआरएस) और विश्वविद्यालय बीज फार्म (यूएसएफ) पर उपलब्ध हैं.

उत्पादकता और लाभ में वृद्धि

डॉ. सिंह ने किसानों से अपने नजदीकी केवीके, एफएएससी, आरआरएस और यूएसएफ से गुणवत्तापूर्ण और प्रमाणित बीज खरीदने का आह्वान किया. जिससे किसानों को बढ़ी हुई उत्पादकता और लाभप्रदता मिल सकें.

English Summary: punjab agricultural university produces improved varieties of paddy basmati and summer moong
Published on: 08 April 2024, 06:57 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now