पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (पीएयू) ने अपनी अपनी स्थापना के बाद से किसानों से गैर-अनुशंसित बीजों को खरीदने से बचने के लिए और विश्वसनीय स्रोत से बीजों को खरीदने का आग्रह और प्रोत्साहित करता रहा है. किसानों के दीर्घकालिक विश्वास और भरोसे को बनाए रखने के लिए गुणवत्ता और मानकों को ध्यान रखते हुए, पीएयू ने पीआर 130, पीआर 129, पीआर 128, पीआर 126, पीआर 121 और पीआर 114 जैसी कम अवधि की धान की किस्मों के पर्याप्त बीज का उत्पादन किया है.
खरीफ सीजन के भी बीज
वर्तमान खरीफ सीजन के लिए बासमती की किस्में जैसे पंजाब बासमती 7, पूसा बासमती 1847, पूसा बासमती 1121 और पूसा बासमती 1509 की जैसी बासमती उपजों के बीज भी है. यह जानकारी देते हुए एसोसिएट डायरेक्टर (बीज) डॉ. राजिंदर सिंह ने बताया कि धान की सभी किस्में बैक्टीरिया ब्लाइट के प्रति प्रतिरोधी हैं और इनमें भूसे का भार भी कम है.
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अधिक उपज और कम अवधि
इनके अलावा, अधिक उपज देने और कम अवधि वाली ग्रीष्मकालीन मूंग की किस्म एसएमएल 1827 का बीज भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है. राजिंदर सिंह ने आगे कहा कि, ये बीज राज्य के सभी जिलों में स्थित विभिन्न कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके), फार्म सलाहकार सेवा केंद्रों (एफएएससी), क्षेत्रीय अनुसंधान स्टेशनों (आरआरएस) और विश्वविद्यालय बीज फार्म (यूएसएफ) पर उपलब्ध हैं.
उत्पादकता और लाभ में वृद्धि
डॉ. सिंह ने किसानों से अपने नजदीकी केवीके, एफएएससी, आरआरएस और यूएसएफ से गुणवत्तापूर्ण और प्रमाणित बीज खरीदने का आह्वान किया. जिससे किसानों को बढ़ी हुई उत्पादकता और लाभप्रदता मिल सकें.