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Updated on: 20 March, 2023 6:25 PM IST
सेब की 2 नई किस्म हुई विकसित

सेब का उत्पादन भारत में बड़े पैमाने पर किया जाता है. इसके लिए ठंडे जलवायु वाले क्षेत्रों को उपयोगी माना जाता है. मगर मैदानी और गर्म तापमान वाले क्षेत्रों के किसान भी हमेशा से ही सेब की खेती की चाह रखते आए हैं, जिसे अब पंजाब कृषि विश्वविद्यालय ने पूरा कर दिया है. बता दें कि पीएयू ने सेब की 2 ऐसी किस्मों को विकसित किया है जिन्हें गर्म और मैदानी इलाकों के उच्च तापमान वाले क्षेत्रों में उगाया जा सकता है.

पंजाब कृषि विश्वविद्यालय ने विकसित की सेब की 2 किस्में

पंजाब कृषि विश्वविद्यालय ने सेब की 2 किस्में अन्ना और डोरसेट गोल्डन विकसित की हैं. इसे 9 साल के शोध व परीक्षण के बाद जारी किया गया है. खास बात यह है कि इन दोनों किस्मों को गर्म और मैदानी इलाकों के लिए विकसित किया गया है. सेब की यह नई किस्में 35 से 37 डिग्री तक के तापमान सहन करने में सक्षम हैं.

बुवाई के तीन साल बाद लगेंगे फल

पीएयू द्वारा विकसित इन किस्मों की बुवाई का सही समय जनवरी है. जिसके बाद मार्च से लेकर जून माह तक इसे हल्की सिंचाई की आवश्यकता होती है. फिर तीसरे साल से इसमें फल आने शुरू हो जाते हैं. अन्ना और डोरसेट गोल्डन किस्मों के फल आने का समय मई है और किसानों को जून के पहले सप्ताह तक इसकी तुड़ाई कर लेनी चाहिए. 

विदेशों से मंगवाई गई किस्में

मीडिया खबरों की मानें तो पंजाब कृषि विश्वविद्यालय ने सेब की 29 किस्मों पर वर्ष 2013 से शोध किया था, जिसमें देश के साथ-साथ विदेशों से कई किस्में लाई गई थीं.

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मिठास में है भरपूर

अन्ना और डोरसेट गोल्डन किस्मों की गुणवत्ता और स्वाद हिमाचल के सेब के बराबर ही है. हालांकि अन्ना और डोरसेट गोल्डन सेब का आकार कश्मीरी और हिमाचल के सेब का जैसा नहीं है. तो वहीं अन्ना सेब का रंग हल्का गुलाबी और डोरसेट गोल्डन किस्म का रंग सुनहरा पीला है.

English Summary: Punjab Agricultural University has developed 2 new varieties of apple, Anna and the Dorset Golden
Published on: 20 March 2023, 06:29 PM IST

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