Maize Farming: रबी सीजन में इन विधियों के साथ करें मक्का की खेती, मिलेगी 46 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार! पौधों की बीमारियों को प्राकृतिक रूप से प्रबंधित करने के लिए अपनाएं ये विधि, पढ़ें पूरी डिटेल अगले 48 घंटों के दौरान दिल्ली-एनसीआर में घने कोहरे का अलर्ट, इन राज्यों में जमकर बरसेंगे बादल! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 8 September, 2022 3:25 PM IST
Ministry of Agriculture and FICCI

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय एवं फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) के बीच संयुक्त पहल के रूप में कृषि में सार्वजनिक-निजी भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की उपस्थिति में आज परियोजना प्रबंधन इकाई (पीएमयू) का शुभारंभ हुआ.

इस अवसर पर  तोमर ने कहा कि कृषि क्षेत्र का सशक्त होना देश-समाज के लिए अत्यंत आवश्यक है. उन्होंने कहा कि कृषि सहित किसी भी क्षेत्र की प्रगति के लिए सरकार सभी के सहयोग से और बेहतर काम कर सकती है.

कृषि भवन, नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सरकार अकेले ही कोई काम करें, यह आदर्श स्थिति नहीं है, बल्कि जनभागीदारी से ही कार्य बेहतर संपन्न हो सकते हैं. तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री  मोदी ने बीते आठ साल के कार्यकाल में पंद्रह सौ से ज्यादा अनावश्यक कानून निरस्त कर देश के सिस्टम को सरल-सुचारू बनाया व जनसामान्य की कठिनाइयां दूर की हैं.

उन्होंने कहा कि देश की आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर प्रधानमंत्री जी की भावना के अनुरूप यह सोचना व इस पर काम करना चाहिए कि फिक्की जैसे संगठन देशहित में और क्या-कैसे कर सकते हैं. सोच व पद्धति बदलेगी तो परिवर्तन आएगा. सबके उद्देश्य तो पवित्र है लेकिन उन्हें शत-प्रतिशत जमीन पर उतारकर सार्थकता सिद्ध करना आवश्यक है. पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) आदर्श माडल है, जिसमें सभी को फायदा होता है, संबंधित क्षेत्र की प्रगति होती है और कुल मिलाकर देश का विकास होता है.

नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि व्यापारी-उद्योगपति वर्ग सशक्त व संगठित है, उनके पास सभी साधन है, ये कृषि क्षेत्र को प्रोत्साहित कर सकते हैं. सरकार अपने स्तर पर एक लाख करोड़ रुपये का एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड, दस हजार नए कृषक उत्पादक संघ (एफपीओ), प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना जैसे अनेकानेक उपायों से कृषि क्षेत्र को निरंतर मजबूत करने पर काम कर रही है.

किसान संगठित हों, उनकी ताकत बढ़ें, नई तकनीक उन तक पहुंचे, वे महंगी फसलों की ओर आकर्षित हों, उपज की गुणवत्ता में वृद्धि होकर वैश्विक मानकों के अनुरूप हों, इन सब दिशा में सरकार के प्रयासों से किसान प्रवृत्त हो रहे हैं और सद्परिणाम आ रहे हैं. प्रसन्नता की बात है कि किसानों की आय दोगुनी करने के प्रधानमंत्रीजी के आह्वान पर किसान तो जागरूक हुए ही, फिक्की जैसे संगठन भी और सक्रिय हुए हैं व मेहनत कर रहे हैं. 

नरेंद्र सिंह तोमर ने अपेक्षा जताई कि सभी की सोच इस उद्देश्य में निहित होना चाहिए कि किसानों को ज्यादा लाभ कैसे हो सकता है और कृषि की ग्रोथ कैसे हो सकती है. कृषि क्षेत्र सशक्त होगा तो विपरीत परिस्थितियों में भी देश खड़ा रह सकेगा. इस संदर्भ में उन्होंने निजी क्षेत्र से आग्रह किया कि किसानों को आदान अधिक मुनाफे में नहीं बेचा जाना चाहिए.

इस मौके पर कृषि सचिव मनोज अहूजा, संयुक्त सचिव  सैमुअल प्रवीण कुमार व फिक्की के वरिष्ठ उपाध्यक्ष  सुभ्रकांत पांडा ने भी विचार रखें. फिक्की के सलाहकार  भास्कर एस. रेड्डी ने पीएमयू के संबंध में प्रस्तुति दी.  पांडा ने  तोमर को ग्रीन सर्टिफिकेट भेंट किया. फिक्की की डिप्टी सेक्रेटरी जनरल सु ज्योति विज ने संचालन किया. इस अवसर पर मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव  अभिलक्ष लिखी व संयुक्त सचिव डा. विजयलक्ष्मी सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे.

English Summary: Project Management Unit launched between Ministry of Agriculture and FICCI, now farmers will be stronger
Published on: 08 September 2022, 03:28 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now