अमूल जल्द लॉन्‍च करने जा रहा है 'सुपर म‍िल्‍क', एक गिलास दूध में मिलेगा 35 ग्राम प्रोटीन पशुओं में कृत्रिम गर्भाधान से जुड़ी सभी जानकारी, जानें कब, कैसे और किस प्रक्रिया का करें इस्तेमाल 150 रुपये लीटर बिकता है इस गाय का दूध, जानें इसकी पहचान और विशेषताएं भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ एक घंटे में 5 एकड़ खेत की सिंचाई करेगी यह मशीन, समय और लागत दोनों की होगी बचत Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Goat Farming: बकरी की टॉप 5 उन्नत नस्लें, जिनके पालन से होगा बंपर मुनाफा! Mushroom Farming: मशरूम की खेती में इन बातों का रखें ध्यान, 20 गुना तक बढ़ जाएगा प्रॉफिट! आम की फसल पर फल मक्खी कीट के प्रकोप का बढ़ा खतरा, जानें बचाव करने का सबसे सही तरीका
Updated on: 29 September, 2021 5:24 PM IST
Poultry Sector

शहरी क्षेत्रों से लेकर ग्रामीण इलाकों की मुर्गियों में झुमरी रोग, माता चेचक रोग, सर्दी-खांसी, दस्त-रोग पाया जाता है. इसके उपचार और वैक्सीन में अभाव की वजह से पॉल्ट्री उद्योग और पशुचिकित्सको को काफी परेशानियां होती रही है. वहीं, मुर्गियों में महामारी की तरह फैलने वाली संक्रामक बीमारी पर अंकुश पाने के लिए काफी समय से वैक्सीन नहीं मिल रही है, जिससे कॉर्पोरेट सेक्टर के साथ लघु स्तर के मुर्गी पालक भी परेशान हैं.

मंगलवार को आल इंडिया पोल्ट्री ब्रीडर्स एसोसिएशन के साथ वैक्सीन उत्पादकों के प्रतिनिधियों ने केंद्रीय पशुपालन और पोल्ट्री मंत्री परसोतम रुपाला से मुलाकात कर वैक्सीन निर्माताओं और पोल्ट्री इंडस्ट्री के लोगों ने अपनी समस्याओं से उन्हें अवगत कराया. पोल्ट्री इंडस्ट्री के लोगों ने बताया कि एन9ए2 नामक वायरस से बचाव के लिए मुर्गियों में लो पैथोजेनिक एवियन इंफ्लुएंजा स्ट्रेन (एलपीएआइ) वैक्सीन लगाना जरूरी होता है.

इसके अभाव, में स्थानीय स्तर पर वायरस का प्रकोप मुर्गियों पर हावी हो जाता है और मुर्गियों में महामारी आ जाती है, जिससे भारी नुकसान होता है. केंद्रीय मंत्री रुपाला ने इसको गंभीरता से लेते हुए उन्हें आश्वस्त किया कि इस समस्या के निदान के लिए जल्दी ही मंत्रालय उचित कदम उठाएगा. वहीं, मामले की गंभीरता को समझते हुए आल इंडिया पोल्ट्री एसोसिएशन के चेयरमैन बहादुर अली ने केंद्रीय मंत्री को एक ज्ञापन सौंपा जिसमें घरेलू मुर्गी पालकों की समस्याओं का विस्तार से जिक्र किया गया था.

देश में पोल्ट्री कारोबार में संलग्न कॉर्पोरेट सेक्टर के साथ तकरीबन एक लाख किसान अपनी आजीविका चलाते हैं. यानि देश में ऐसे किसानों की संख्या काफी अधिक है जो मुर्गीपालन को अपना मुख्य रोजगार के तौर पर करते आए हैं. लेकिन वैक्सीन के अभाव में उनकी रोजी-रोटी पर संकट हमेशा मंडराते रहता है. इससे देश में प्रोटीन का प्रमुख साधन पोल्ट्री उत्पाद लगातार महंगे हो रहे हैं. लेकिन बढ़ती महंगाई से भी किसानों या पोल्ट्री कारोबारियों को कुछ खासा मुनाफा नहीं हो पा रहा है. इन समस्याओं का जल्द से जल्द निवारण हो इसकी गुहार पोल्ट्री सेक्टर के लोगों ने सरकार से लगाई है. उम्मीद है की आने वाले दिनों में इसका कोई समाधान वैक्सीन के रूप में सरकार के पास होगा.

English Summary: Poultry farm is deeply worried about vaccine
Published on: 29 September 2021, 05:27 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now