जिस किसान आंदोलन को अभी तक पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी यूपी का समझा जा रहा था, वो अब गलोबल हो चला है. इसमें एक तरफ भारत के बाहर रहने वाले देशवासी जुड़ रहे हैं, तो दूसरी तरफ अंतरराष्ट्रीय मीडिया, नेता,सेलिब्रिटी और विश्व बिरादरी ने भी आवाज उठाना शुरू कर दिया है. पूरी दुनिया इस किसान आंदोलन को कितनी गंभीरता से ले रही है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अमेरिकी पॉप स्टार रिहाना, एक्टिविस्ट लिसिप्रिया कंगुजम और क्लाइमेट चेंज एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग समेत कई लोग इसके पक्ष में आ गए हैं.
किसान आंदोलन पर विदेशियों की नजर
इस आंदोलन के समर्थन में पर्यावरण को लेकर काम करने वाली एक्टिविस्ट लिसिप्रिया कंगुजम ने तो खुलकर ट्विटर किया है, जिसके बाद आंदोलनकारियों का एक बड़ा ग्रुप इसे अपनी सफलता के रूप में देख रहा है. हालांकि बहुत से लोग ऐसे भी हैं, जिनका मानना है कि भारत के आंतरिक मामलों पर बाहरी लोगों को नहीं बोलना चाहिए.
ग्रेटा के ट्वीट से मिली ताकत
इस आंदोलन के पक्ष में ग्रेटा थनबर्ग के ट्वीट के बाद भारत सरकार की मुश्किले बढ़नी लगी है. माना जा रहा है कि जल्दी ही विदेश मंत्रालय इस बारे में कोई बड़ा बयान दे सकती है. बता दें कि ग्रेटा ने अपने ट्वीट में भारत के किसानों का समर्थन करते हुए लिखा कि वो आंदोलकारी किसानों के साथ खड़ी है और इस विरोध में एकजुटता का भाव रखती है.
कंगना रनौत समेत कई लोगों ने किया विरोध
वहीं बाहरी लोगों द्वारा देश के आंतरिक मुद्दों में हस्तक्षेप करने पर भारत के कई बड़े कलाकारों ने नाराजगी जताई है, जिसमें सबसे बड़ा नाम बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत का है. इंटरनेशनल पॉप स्टार रिहाना द्वारा पूछे जाने पर कि “तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों को समर्थन क्यों नहीं हो रहा है.”, के जवाब में तो कंगना ने यहां तक कह दिया कि “कोई भी इसके बारे में बात नहीं कर रहा है, क्योंकि वो लोग किसान नहीं हैं.”