पीएम मोदी ने आज अंतरराष्ट्रीय डेयरी सम्मेलन में भारतीय नस्ल के पशुओं के जलवायु के अनुसार खुद को ढालने का एक किस्सा सुनाया और कहा कि गुजरात की बन्नी भैंस की खासियत से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि भारतीय पशुओं की नस्लें कितना ज्यादा क्लाइमेट कंफर्टेबल होती हैं.
दरअसल, पीएम मोदी ने गुजरात के कच्छ में पाई जाने वाली बन्नी भैंस के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि बन्नी भैंस गुजरात के कच्छ रेगिस्तान में रहती है और वहां परिस्थितियों से ऐसी घुलमिल गई है कि देखकर कई बार लोगों को हैरानी होती है. कच्छ में दिन के समय काफी ज्यादा तापमान होता है, इसलिए बन्नी भैंस रात के समय चरने के लिए निकलती है और यही नहीं उस दौरान उसके साथ में उसका मालिक भी नहीं होता है, वह खुद चारागाह तक पहुंचती है और चारा खाने के बाद सुबह अपनी जगह पर वापस आ जाती है.
रात में 15 किलोमीटर दूर तक जाती है ये भैंस
बन्नी भैंस की खासियत की बात की जाए, तो बताया जाता है कि रात में बन्नी भैंस 15 से 17 किलोमीटर तक दूर घास चरने के लिए जाती है और सुबह के समय अपनी जगह पर लौट आती है. पीएम मोदी ने बन्नी की खासियत बताते हुए कहा कि अभी तक बहुत कम यह सुनने में आया है कि किसी की भैंस किसी और के घर पर पहुंच गई है.
ये भी पढ़ें: 'काले सोने' के बिजनेस से कमाएं अच्छे पैसे, जानिए पूरी जानकारी
इसके अलावा उन्होंने कहा कि मैंने आपको सिर्फ बन्नी भैंस का एक उदाहरण दिया है, लेकिन भारत में मुर्रा, मेषाणा, जाफराबादी, नीली रवि, पंडरपुरी जैसी अनेक भैंस की नस्लें अपने आप ही जलवायु के अनुसार विकसित हो रही हैं. भारत में गीर, साहीवाल, राठी, कांकरेज, थारपारकर हरियाणा जैसी कई गाय की नस्लें हैं जो भारत के डेयरी सेक्टर को यूनिक बनाती हैं. भारतीय नस्ल के ज्यादातर पशु क्लाइमेट कंफर्टेबल भी होते हैं.
बन्नी भैंस की कीमत
पशुपालन करने वाले बहुत सारे लोग बन्नी भैंस को खरीदना चाहते हैं, लेकिन इसकी कीमत की वजह से लोग इसे नहीं खरीद पाते हैं. जानकारी के लिए आपको बता दें एक बन्नी भैंस की कीमत 1 लाख रुपए से 3 लाख रुपए तक हो सकती है. इसकी खासियत यह है कि ये ज्यादा सर्दी और ज्यादा गर्मी दोनों में रह सकती है.