विश्वकर्मा जयंती पर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 77वें स्वतंत्रता दिवस पर की गई अपनी घोषणानुसार विश्वकर्मा योजना (Vishwakarma Yojana) लॉन्च की. जानकारी के लिए बता दें कि इस अवसर पर देश में विभिन्न स्थानों पर विश्वकर्मा दिवस के अवसर पर कार्यक्रम का आयोजन हुआ. इसी क्रम में भोपाल (म.प्र.) में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के मुख्य आतिथ्य व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में विश्वकर्मा जयंती पर कार्यक्रम आयोजित किया गया.
आधुनिक टूलकिट के लिए 15 हजार रुपए का मिलेगा वाउचर
बता दें कि नई दिल्ली स्थित द्वारका में इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन एंड एक्सपो सेंटर (यशोभूमि) राष्ट्र को समर्पित करने के साथ ही विश्वकर्मा जयंती समारोह में, मुख्य उद्बोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि लाखों कारीगरों-परिवारों के लिए पीएम विश्वकर्मा योजना आशा की किरण बनकर आ रही है. उन्होंने देश के रोजमर्रा के जीवन में विश्वकर्माओं के योगदान व महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि प्रौद्योगिकी में चाहे कितनी भी प्रगति क्यों न हो जाए, विश्वकर्मा समाज में हमेशा महत्वपूर्ण बने रहेंगे. सरकार विश्वकर्माओं का सम्मान, क्षमता व समृद्धि बढ़ाने के लिए भागीदार के रूप में आगे आई है. उन्होंने कहा कि दुनिया में बड़ी कंपनियां अपना काम छोटे उद्यमों को सौंप देती हैं. आउटसोर्स का यह काम हमारे विश्वकर्मा मित्रों को मिलें, वे वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला का हिस्सा बनें, हम इसके लिए काम कर रहे हैं. योजना विश्वकर्मा मित्रों को आधुनिक युग में ले जाने का एक प्रयास है.
बदलते समय में, प्रशिक्षण, प्रौद्योगिकी व उपकरण विश्वकर्मा मित्रों के लिए महत्वपूर्ण हैं. प्रशिक्षण में 500 रु. प्रतिदिन भत्ता दिया जाएगा, आधुनिक टूलकिट के लिए 15 हजार रु. का वाउचर दिया जाएगा. उत्पादों की ब्रांडिंग, पैकेजिंग, मार्केटिंग में सरकार मदद करेगी. विश्वकर्मा मित्रों को बिना गारंटी बहुत कम ब्याज पर 3 लाख रु. तक ऋण मिलेगा. केंद्र वंचितों के विकास को प्राथमिकता देता है. पीएम मोदी के ऊपर वोकल फॉर लोकल के प्रति समर्पण पूरे देश की जिम्मेदारी है. पहले हमें लोकल के लिए वोकल बनना होगा और फिर लोकल को ग्लोबल बनाना होगा.
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना पर 5 साल में 13 हजार करोड़ रुपये खर्च
भोपाल में केंद्रीय मंत्री तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना देश के कारीगरों-शिल्पकारों के जीवन स्तर में बदलाव लाने में सफल होगी. तोमर ने विश्वकर्मा जयंती व प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिन पर बधाई देते हुए उनके द्वारा किए गए कार्यों की प्रसन्ना की. तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना पर 5 साल में 13 हजार करोड़ रुपये खर्च कर गुरू-शिष्य परंपरा या हाथों व औजारों से काम करने वाले कारीगरों-शिल्पकारों द्वारा पारंपरिक कौशल के परिवार-आधारित पेशे को मजबूत करते हुए बढ़ावा दिया जाएगा,जो केंद्र का अत्यंत सराहनीय कदम है.
अक्टूबर के पहले सप्ताह में बनेगा ग्लोबल स्किल पार्क
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि वोकल फार लोकल जैसे मंत्र व कई योजनाओं के जरिये से पीएम मोदी ने भारत को 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना दिया है और उनके तीसरे कार्यकाल में भारत दुनिया की तीसरी अर्थव्यवस्था वाला देश होगा. इसके अलावा उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के माध्यम से देश के कौशल तंत्र को राष्ट्र की जरूरतों के अनुसार ढालने का काम किया जा रहा है. इस योजना का लाभ उठाकर सुविधाओं से हमारे कारीगर अपनी स्किल को और बढ़ा पाएंगे और आने वाली पीढ़ी को भी अपना हुनर सिखा पाएंगे. उन्होंने कहा कि अगले महीने के पहले सप्ताह में म.प्र. में ग्लोबल स्किल पार्क बनकर तैयार हो जाएगा.
योजना में 18 पारंपरिक क्षेत्र शामिल
केंद्र सरकार ने देश के पारंपरिक शिल्प की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित व प्रोत्साहित करने, कारीगरों-शिल्पकारों की सहायता के लिए 'पीएम विश्वकर्मा' मंजूर की है. इसके पहले चरण में 18 पारंपरिक क्षेत्रों को शामिल किया गया है. इनमें बढ़ई (सुथार), नाव निर्माता, अस्त्र बनाने वाला, लोहार, हथौड़ा व टूल किट निर्माता, ताला बनाने वाला, सुनार, कुम्हार, मूर्तिकार (पत्थर तराशने, पत्थर तोड़ने वाला), मोची, राजमिस्त्री, टोकरी/चटाई/झाड़ू निर्माता/जूट बुनकर, गुड़िया-खिलौना निर्माता (पारंपरिक), नाई, माला बनाने वाले, धोबी, दर्जी, मछली पकड़ने का जाल बनाने वाले शामिल हैं.