प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को मंडी में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि उद्घाटन की गई जलविद्युत परियोजनाएं जलवायु के अनुकूल नए भारत का हिस्सा है, और इसका उद्देश्य पर्यावरण का संरक्षण करना है.
जिस तरह से वातावरण प्रदूषित होता जा रहा है उसे देख निकट भविष्य में आने वाली समस्याएं साफ़ तौर पर दिखने लगी हैं.
कहते हैं साफ़ और स्वक्ष हवा में सांस लेना मनुष्य के लिए बहुत ही जरुरी है. इससे ना सिर्फ उनका स्वास्थ्य ठीक रहता है, बल्कि आयु भी लम्बी होती है. लेकिन जिस तरह से हवाएं जहरीली होती जा रही हैं, उसे रोकना अत्यंत आवश्यक हो गया है. मोदी ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि विकास के बुनियादी ढांचे के निर्माण के साथ-साथ पर्यावरण के संरक्षण की दिशा में देश के प्रयासों को विश्व स्तर पर मान्यता दी जा रही है.
पर्यावरण संरक्षण के लिए इन बातों का ध्यान रखें:
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प्लास्टिक बैग और उसके उत्पादों के उपयोग पर जरुरी है की कड़ाई से प्रतिबन्ध लगाया जाए.
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यह सुनिश्चित करें कि आपके घर के कचरे का सही रूप से चयन किया जाए और फिर उसे अलग किया जाए.
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कचरे को फैलने से रोकें और दूसरों को भी इसे रोकने के लिए प्रोत्साहित करें.
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रासायनिक उर्वरकों और किटनाशकों के उपयोग से बचे और जैविक पदार्थों का उपयोग करें.
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वाहनों से निकलने वाले धुंए को कम करे, ये हमारे पर्यावरण को भारी नुकसान पहुचाते है.
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जंगलों को बचाएं और पेड़ लगाएं क्योंकि ये पर्यावरण के लिए फेफड़ों जैसा काम करते हैं.
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भूतल या सतह जल का उपयोग कम से कम करने का प्रयास करें.
मोदी ने 28,197 करोड़ रुपये से अधिक की 287 निवेश परियोजनाओं का उद्घाटन करने के बाद रैली को संबोधित किया. मोदी ने कहा कि जय राम ठाकुर के नेतृत्व वाली पिछले चार वर्षों की सरकार ने राज्य को तेजी से बदलते देखा है. मोदी ने कहा कि महामारी के बावजूद राज्य में विकास रुका नहीं है.
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मोदी ने कई अन्य विकास परियोजनाओं के साथ 6,700 करोड़ रुपये की रेणुकाजी बांध परियोजना की नींव भी रखी. बांध से दिल्ली की जलापूर्ति में काफी इजाफा होगा. लुहरी चरण 1 जल विद्युत परियोजना, धौलासिद्ध जल विद्युत परियोजना और सावरा-कुड्डू जल विद्युत परियोजना का भी उद्घाटन किया गया. इन परियोजनाओं का लक्ष्य क्षेत्र की जलविद्युत क्षमता का दोहन करना है और इनकी कीमत 11,281 करोड़ रुपये है.
परियोजनाओं को लॉन्च करने से पहले, मोदी ने हिमाचल प्रदेश की ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट के दूसरे ग्राउंड-ब्रेकिंग समारोह में भाग लिया. इस बैठक से लगभग 28,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं के माध्यम से क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है.