प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (Pradhan Mantri Kisan Samman Nidhi scheme) लगभग 10 करोड़ किसानों का सहारा बनी है. इसी बीच एक बड़ी खबर आ रही है कि मोदी सरकार की इस योजना लाभ प्रवासी मजदूरों (migrants workers) को भी मिल सकता है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने बताया है कि पीएम किसान योजना की शर्तें पूरी करने वाला मजदूर भी रजिस्ट्रेशन करवा सकता है. बता दें कि इस योजना के तहत हर साल 6 हजार रुपए मिलते हैं.
प्रवासियों को मिल सकता है योजना का पैसा
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी का कहना है कि सरकार प्रवासी मजदूरों को पैसा देने के लिए तैयार है. मगर प्रवासी मजदूर इस योजना की शर्तों को पूरा करता हो. बता दें कि अगर किसी प्रवासी मजदूर का नाम खेती के कागजात में है, तो इसके आधार पर उसे अलग से योजना का लाभ मिल सकता है. फिर चाहे वह संयुक्त परिवार का हिस्सा हो या न हो. अगर वह सभी शर्तों को पूरा करता है, तो वह खुद पीएम किसान योजना की वेबसाइट पर जाकर रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं. इसके लिए वेबलाइट के फार्मर कॉर्नर पर जाकर आवेदन करना होगा.
पीएम किसान योजना की शर्तें
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प्रवासी मजदूर के नाम खेत होना चाहिए.
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रेवेन्यू रिकॉर्ड में प्रवासी मजदूर का नाम और बालिग होना जरूरी है.
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बैंक खाता और आधार नंबर होना जरूरी है.
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बैंक खाते को आधार से लिंक कराना भी ज़रूरी है.
पीएम किसान में परिवार की परिभाषा
सरकार की यह पहली योजना है, जिसका सीधा लाभ किसानों को दिया जाता है. इस योजना में परिवार का मतलब है कि पति-पत्नी और 18 साल से कम उम्र के बच्चे. इसके अलावा अगर खेती के दस्तावेज में किसी औऱ का नाम है, तो वह अलग से इस योजना का लाभ ले सकता है.
आपको बता दें कि पीएम किसान योजना का बजट लगभग 75 हजार करोड़ रुपए का है. सरकार का लक्ष्य है कि लगभग 14.5 करोड़ लोगों को सालाना इस योजना के तहत पैसा दे दिया जाए. मगर इस योजना के तहत रजिस्ट्रेशन की बात करें, तो अभी तक लगभग 10 करोड़ किसानों का भी रजिस्ट्रेशन नहीं हो पाया है. इस योजना कुल लाभार्थी सिर्फ 9.65 करोड़ हैं, जबकि इस योजना को शुरू हुए लगभग 17 महीने हो चुके हैं. ऐसे में अगर बाहरी राज्यों से गांव आने वाले लोग इस योजना के तहत रजिस्ट्रेशन करवाते हैं, तो उन्हें इसका पैसा मिल पाएगा.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राष्ट्रीय किसान महासंघ के संस्थापक का कहना है कि बाहरी राज्यों से गांव आने वासे ज्यादातर लोग कृषि का काम करेंगे. इसके अलावा मनरेगा से कहीं न कहीं जुड़ेंगे. ऐसे में अगर किसी प्रवासी मजदूर के पास खेती है, तो उसे सबसे पहले इस योजना के तहत रजिस्ट्रेशन करवा लेना चाहिए. खास बात है कि कृषि वैज्ञानिक और किसान संगठन लगातार इस योजना की राशि को बढ़ाने की मांग कर रहे हैं.
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