नरेंद्र मोदी सरकार ने 24 फरवरी 2019 को पीएम किसान सम्मान निधि योजना (PM kisan Samman Nidhi Yojana) की शुरुआत की थी. इस योजना का उद्देश्य देश के किसानों की सीधे तौर पर आर्थिक मदद करना है. इस योजना के तहत 6000 रुपये सालाना राशि का फायदा सही जरूरतमंदों को देने के लिए सूबे में सभी तबके के किसानों का सोशल ऑडिट (सामाजिक अंकेक्षण) कराया जाएगा.
इस दौरान योजना से जुड़े किसानों का सत्यापन भी किया जाएगा. यह काम ग्रामसभा स्तर पर पंचायत राज संस्थाओं की मदद से किया जाएगा, ताकि ग्राम स्तर पर किसी तरह की कोई कमी या चुक ना रह जाए. इस संबंध में कृषि सचिव डॉ. एन. सरवण कुमार द्वारा सभी डीएम को निर्देश भी दिया गया है.
2,61,068 किसानों को मिल रहा योजना का लाभ
सचिव ने 60 दिनों के अंदर पंचायती राज संस्थाओं के सहयोग से सोशल ऑडिट कराने का निर्देश दिया है. भागलपुर में 2,61,068 किसानों को अभी इस योजना का लाभ मिल रहा है, जबकि एडीएम स्तर से 2,61,167 किसानों को लाभ देने के लिए कहा गया था. शेष 99 किसानों को लाभ देने की प्रक्रिया अपनायी जा रही है. इस योजना का लाभ लेने के लिए विभाग की वेबसाइट पर 4,10,364 अर्जियां आयी हैं. जिनमें मानक को पूरा नहीं करने पर कृषि समन्वयक द्वारा आरंभिक चरण में ही रद्द कर दी गई.
जिला कृषि पदाधिकारी कृष्ण कांत झा से मिली जानकारी के मुताबिक सूबे में 2018 से यह योजना शुरू है. इससे उन सभी रैयत किसान परिवार को जोड़ना है, जिनके नाम से खेती योग्य भूमि रिकॉर्ड के अनुसार हो. सामाजिक अंकेक्षण 60 दिनों के भीतर किया जाना है.
सूची में जो योग्य रैयत किसान परिवार छूट गए हैं, उन्हें इस योजना में शामिल किया जाएगा तथा अपात्र किसानों की पहचान की जाएगी. भागलपुर में एक मार्च से सोशल ऑडिट शुरू हो सकता है. सीएम के कार्यक्रम की समाप्ति के बाद फाइल पर डीएम की अनुमति ली जाएगी. फिर इसे पंचायती राज पदाधिकारी को सहयोग के लिए भेजा जाएगा.
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क्यों किया जाएगा सोशल ऑडिट
इस योजना से लाभ के लिए जमीन की अपडेट रसीद साइट पर अपलोड करना है. पहले वंशावली व एलपीसी पर भी लाभ मिल जाता था. सोशल ऑडिट में पति-पत्नी या बच्चे के नाम से अलग-अलग ले रहे लाभ का पता चलेगा. परिवार में एक सदस्य को ही लाभ मिलना है.
आधार कार्ड के वेरिफिकेशन से इनकम टैक्स पेयी होने का सबूत मिलेगा और उस आधार पर भी लाभुकों का नाम कटेगा, जबकि कई नये किसानों के नाम भी जुटेंगे. इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों के बीच इस योजना को और भी अधिक पारदर्शित बनाना है.