आज पीएम किसान सम्मान निधि योजना की 20वीं किस्त के तहत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वाराणसी से देश के 9.70 करोड़ किसानों के बैंक खातों में ₹20,500 करोड़ की सहायता राशि हस्तांतरित की. इस अवसर पर पूरे देश में पीएम किसान उत्सव दिवस मनाया गया, जिसमें बिहार में भव्य राज्य स्तरीय आयोजन संपन्न हुआ. पटना के बापू सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम की अध्यक्षता बिहार के उप मुख्यमंत्री व कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने की. केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा, कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है. यह योजना किसानों के जीवन में नई ऊर्जा ला रही है. उन्होंने सभी महिला किसानों को रक्षाबंधन की अग्रिम शुभकामनाएं भी दीं.
कार्यक्रम में बिहार सरकार के वरिष्ठ मंत्रीगण, जिनमें रेणु देवी (पशु एवं मत्स्य संसाधन), डॉ. प्रेम कुमार (सहकारिता), मंगल पांडे (स्वास्थ्य), नितिन नवीन (पथ निर्माण) शामिल थे, के साथ-साथ राज्य किसान आयोग के अध्यक्ष रूप नारायण मेहता और कृषि विभाग के प्रधान सचिव पंकज कुमार उपस्थित रहे.
पारदर्शिता और किसान सशक्तिकरण पर जोर
प्रधान सचिव पंकज कुमार ने कहा, किसान की समृद्धि ही देश की समृद्धि है. बिचौलियों के बिना सीधी सहायता राशि किसानों तक पहुंचना सरकार की पारदर्शिता का प्रतीक है. उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने अपने संबोधन में कहा, बिहार सरकार खेती को लाभकारी बनाने के लिए उत्पादन बढ़ाने, लागत घटाने और बाजार से जोड़ने की दिशा में कार्य कर रही है. उर्वरक की सहज आपूर्ति और कालाबाजारी पर सख्त नियंत्रण हमारी प्राथमिकता है.
बिहार: विकास की धरती
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बिहार की मेहनती धरती की प्रशंसा करते हुए कहा, यह वह भूमि है जहां बीज डालने से विकास के फूल खिलते हैं. यहां विज्ञान, दर्शन और मेहनत का अनूठा संगम है. उन्होंने प्रधानमंत्री के वोकल फॉर लोकल अभियान को जन आंदोलन बनाने और स्वदेशी उत्पादों को अपनाने की अपील की.
किसानों के लिए ऐतिहासिक कदम
पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत 11 करोड़ से अधिक किसानों को प्रतिवर्ष ₹6,000 की सहायता बिना किसी भेदभाव के सीधे उनके खातों में दी जा रही है. बिहार के लाखों किसान इस योजना से लाभान्वित हो रहे हैं, जिससे खेती में नई चेतना और समृद्धि का संचार हो रहा है. यह आयोजन बिहार में कृषि क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव और सरकार की किसान-केंद्रित नीतियों का जीवंत उदाहरण हो सकता है.