अगले 48 घंटों के दौरान यूपी-पंजाब समेत इन 8 राज्यों में आंधी और बारिश का अलर्ट, पढ़ें IMD की लेटेस्ट रिपोर्ट! धान की इस किस्म से किसानों को मिल रहा जबरदस्त फायदा, 110 दिनों में होती है तैयार, प्रति एकड़ उत्पादन क्षमता 32 क्विंटल तक! Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ Diggi Subsidy Scheme: किसानों को डिग्गी निर्माण पर मिलेगा 3,40,000 रुपये का अनुदान, जानें कैसे करें आवेदन फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Tarbandi Yojana: अब 2 बीघा जमीन वाले किसानों को भी मिलेगा तारबंदी योजना का लाभ, जानें कैसे उठाएं लाभ? Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं
Updated on: 14 March, 2023 6:04 PM IST
Plant based food aahar

भविष्य में खाद्य सुरक्षा के दृष्टिगत विकल्प में पौध आधारित आहार पर विचार-विमर्श करने के लिए प्रगति मैदान, नई दिल्ली में आयोजित आहार प्रदर्शनी के दौरान पौध आधारित युग के उषाकाल विषय पर सम्मेलन का आयोजन किया गया. प्लांट बेस्ड फूड्स इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (पीबीएफआईए) द्वारा आयोजित इस सम्मेलन का शुभारंभ करते हुए मुख्य अतिथि केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री  नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि पौध आधारित खाद्य वक्त की जरूरतों को पूरा करने के साथ ही रोजगार के अवसर सृजित करने और कृषि क्षेत्र को भी बल देने वाला है. जो चुनौतियां कृषि के सामने आ रही हैं, उनके मद्देनजर पौध आधारित आहार वैकल्पिक महत्वपूर्ण कदम है.

केंद्रीय मंत्री तोमर ने कहा कि भविष्य में जरूरत पड़ने वाले विकल्पों को अगर हम अभी से तैयार कर लेंगे तो आने वाले समय में संकट का सामना नहीं करना पड़ेगा. वर्तमान व भविष्य की चुनौतियों से हम अच्छी तरह से अवगत हैं, खाद्य सुरक्षा इन्हीं में से एक है. आने वाले समय में देश की आजादी के 100 वर्ष पूरे होंगे, उस समय तक आबादी भी बढ़ जाएगी, वहीं आधुनिक व विकसित भारत के लिए हो रहे अधोसंरचनात्मक विकास, बड़ी संख्या में नई रेल लाइनों को बिछाना, विश्वस्तरीय नेशनल हाईवे बनाना जैसे कार्यों के कारण खेती का रकबा कम होने की संभावना को भी देखना होगा. भारत को वर्ष 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के महान उद्देश्य को पूरा करने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार तेजी के साथ राज्य सरकारों के साथ मिलकर जुटी हुई है.

वर्ष 2050 तक कितने खाद्यान्न की आवश्यकता हमें रहेगी व दुनिया की अपेक्षा हमसे कितनी बढ़ेगी, इस पर अभी से विचार करने की आवश्यकता है. इस दिशा में केंद्र सरकार अपने स्तर पर पूरे प्रयास कर रही है और प्रधानमंत्री मोदी ने समग्र व संतुलित विकास की कल्पना को साकार करने की दिशा में योजनाबद्ध तरीके से कदम बढ़ाए हैं. कृषि में लोगों की रूचि निरंतर बढ़े, यह भी हमारी जिम्मेदारी है, इसीलिए प्रधानमंत्री  मोदी हमेशा आग्रह करते हैं कि कृषि क्षेत्र में निजी निवेश आना चाहिए, नई तकनीकें आना चाहिए, काम सरल होना चाहिए और किसानों को मुनाफा ज्यादा मिलना चाहिए, इससे आने वाली पीढ़ी कृषि की ओर आकर्षित होगी. किसान खेती का आधार है, यह बात समझना होगी. किसानों को फायदा व प्रतिष्ठा देना पहली प्राथमिकता होनी चाहिए, ताकि वह खेती में रूके, देश का पेट भर सके और दुनिया की अपेक्षा को भी पूरा कर सकें. सरकार की तरफ से विभिन्न योजनाओं द्वारा इस दिशा में सतत प्रयास किए जा रहे हैं.

ये भी पढ़ेंः कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का किसानों को बड़ा तोहफा, बीज को लेकर तैयार किया रोडमैप

तोमर ने कहा कि खाद्य सुरक्षा के साथ ही पोषक दृष्टि से भी विकल्प तैयार करना समय की जरूरत है. प्रधानमंत्री मोदी की पहल पर संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2023 को अंतरराष्ट्रीय मिलेट वर्ष घोषित किया है. अन्न का उत्पादन-उत्पादकता बढ़े, प्रोसेसिंग, पैकेजिंग, निर्यात भी बढ़े, इससे बने पदार्थों को भोजन की थाली में पुनः प्रतिष्ठापूर्ण स्थान मिले, इसलिए यह वर्ष मनाया जा रहा है. इससे पोषक तत्वों का आहार बढ़ेगा, किसानों को फायदा होगा व रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे. कार्यक्रम में पीबीएफआईए के पदाधिकारी संजय सेठी, एपीडा के सचिव डा. सुंधाशु, आईटीपीओ के रजत अग्रवाल भी मौजूद थे.

English Summary: Plant based food is an important option to meet future needs - Narendra Singh Tomar
Published on: 14 March 2023, 06:09 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now