अगर अपने घमंड में इसी तरह पाकिस्तान चूर रहा, तो वो दिन दूर नहीं जब वह भुखमरी के कागार पर पहुंच जाएगा. हालांकि, भुखमरी के कागार पर तो वह काफी पहले ही पहुंच चुका है, वो तो गनीमत है कि चीन उस पर मेहरबान है, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि आखिर उसे कब तक चीन की मेहरबानी नसीब होती रहेगी. वहीं, ड्रैगन कितना चतुर और चालाक है, इससे तो हर कोई वाकिफ ही है.
अब ऐसे में कहीं चीन की इस चतुराई की कीमत पाकिस्तान को न चुकानी पड़ जाए, क्योंकि ड्रैगन ‘यूज एडं थ्रो’ वाले सिद्धांतों पर चलने वालों में से है, लेकिन यह बात कहां पाकिस्तान को पल्ले पड़ने वाली है, वो तो बस चीन की सरपरस्ती में खुद को तीस मार खां समझ रहा है, इसलिए तो कर्ज के सैलाब में सराबोर होने के बावजूद भी पाकिस्तान दूसरे देशों से महंगी कीमतों पर गेहूं और शक्कर खऱीदने को तैयार है, लेकिन भारत से उसे कम कीमत पर खरीदना मंजूर नहीं है.
यह इस बात को बयां करने के लिए काफी है कि आज पूरी दुनिया में भारतीय किसानों का डंका बज रहा है. बड़े-बड़े देश इस बात को कुबूल चुके हैं कि भारतीय किसानों में दम है. ब्राजील, रूस, पश्चिम एशिया के न जाने कितने ही देश आज चीनी और गेहूं की आपूर्ति के लिए भारत का मुंह ताक रहे हैं, लेकिन अपना भारत भी महान है, इतिहास गवाह रहा है कि कोई अगर हमारे लिए पसीना बहाता है, तो हम उसके लिए खून बहाने वालों में से हैं, लिहाजा भारत किसी को भी निराश नहीं कर रहा है.
हर देश को पारस्परिक कटुता और वैमनस्यता को भुला कर उन्हें गेहूं और शक्कर उपलब्ध करा रहा है, लेकिन अपनी घमंड में चूर पाकिस्तान की हिमाकत तो देखिए कि उसे ऊंची कीमत पर दूसरे देशों से गेहूं और चीनी लेना मंजूर है, लेकिन उसे भारत से लेना मंजूर नहीं है.
अभी हाल ही में पाकिस्तान कैबिनेट की बैठक हुई थी, जिसमें शामिल हुए मंत्री 1.1 लाख टन गेहूं के आयात के लिए 26 हजार प्रति टन के हिसाब से पैसे चुकाने पर मंजूर हो गए, मगर वहीं उससे कम कीमत पर भारत से गेहूं और चीनी लेने में उसे गुरेज है.
मिली जानकारी के मुताबिक, इमरान खान सरकार 1170 करोड़ रूपए खाद्य जूरूरतों की आपूर्ति के लिए खर्च करेगी, जो इस बात की पुष्टि करने के लिए पर्याप्त है कि पाकिस्तान इस समय आर्थिक बदहाली से गुजर रहा है.
हालांकि, पिछले दो ढाई सालों से भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्ते तनावपूर्ण हो रहे हैं, जिनके पीछे बहुत सारी वजहें रही हैं. पहला आए दिन सीमा पर भारतीय सैनिकों और पाकिस्तानी सैनिकों के बीच झ़ड़प और दूसरा जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य दर्जा दिलाने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त करने पर लगातार पाकिस्तान अपनी असहमति जताता हुआ आया है, जिसकी वजह से भी दोनों देशों के बीच रिश्ते तनावपूर्ण रहे हैं. अब ऐसे में इन दोनों देशों के बीच आगे रिश्ते क्या रूख अख्तियार करते हैं. यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा.