कृषि में बढ़ते बदलाव के साथ खेती के तरीकों में भी बदलाव आ रहे हैं. अब हमारे किसान सिर्फ पारंपरिक खेती पर ही नहीं, बल्कि मॉडर्न वैज्ञानिक खेती भी कर रहे हैं. अब चाहे ग्रामीण इलाके हो या शहरी किसान अलग तरह के प्रयोग कर अपनी खेती में चार-चांद लगा रहे हैं और कुछ ऐसी ही ख़बर मराठवाड़ा (Marathwada) से भी आ रही है.
जी हां, उस्मानाबाद (Osmanabad) में किसान प्याज की खेती (Onion Farming) में शराब (Alcohol) का इस्तेमाल कर रहे हैं. बता दें कि यहां के किसान प्याज़ को चमकदार बनाने के लिए देसी शराब (Alcohol Spray) का प्याज़ की फसलों पर छिड़काव कर रहे हैं और इसमें हैरानी वाली बात नहीं है क्योंकि यह सब एक कृषि प्रयोग है.
चमकदार बनती हैं सब्जियां (Vegetables become shiny)
महंगे कीटनाशकों के प्रतिरोधी कीटों को मारने के लिए किसान खुले तौर पर सब्जियों पर शराब का छिड़काव करते हैं साथ ही यह भी कहते हैं कि कटाई से पहले सब्जियों पर शराब का छिड़काव करने से निश्चित रंग और चमक आती है. माइक्रोबायोलॉजी के प्रधान वैज्ञानिक युद्धवीर सिंह (Yudhveer Singh, Principal Scientist of Microbiology) का कहना है कि इस बात का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि अल्कोहल स्प्रे से फसलों को फायदा होता है.
सोशल मीडिया बज्ज (Social media buzz)
लोग आज कल सोशल मीडिया से बहुत प्रभावित है ऐसे में सोशल मीडिया में अगर कुछ आ जाता है तो लोग उसकी नकल करने लगते हैं. वैज्ञानिकों के मुताबिक शराब में कीट को मारने का कोई गुण नहीं होता है और एक अच्छी फसल के लिए पोषक तत्वों और कीटों को अवशोषित करने के लिए कीटनाशकों का उपयोग किया जाता है लेकिन अभी तक ऐसा कोई टेस्ट लैब में भी नहीं हुआ है.
महाराष्ट्र है नंबर वन (Maharashtra is number one)
प्याज आमतौर पर कई राज्यों में साल में एक बार ही उगाया जाता है, लेकिन महाराष्ट्र में ऐसा नहीं है. सबसे बड़े प्याज उत्पादक राज्य में साल में तीन फसलें ली जाती हैं. इस वजह से आमतौर पर देश में प्याज के दाम यहीं से तय होते हैं. प्याज एक महत्वपूर्ण सब्जी है जो हर तरह के व्यंजन में इस्तेमाल की जाती है. इसमें प्रोटीन और कुछ विटामिन भी होते हैं साथ ही इसमें औषधीय गुण पाए जाते हैं.
महाराष्ट्र के किसानों के मुताबिक सबसे पहले इसका पौधा तैयार किया जाता है. पौधा अच्छा हो तो उपज भी अच्छी होती है. महाराष्ट्र के नासिक, सोलापुर, पुणे, अहमदनगर और धुले जिलों में इसकी सबसे अधिक खेती की जाती है. लेकिन नासिक सबसे प्रसिद्ध है. एशिया का सबसे बड़ा बाजार इसी जिले के लासलगांव में स्थित है.
मिट्टी क्या होनी चाहिए (What should be the soil)
कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार प्याज की खेती विभिन्न प्रकार की मिट्टी में की जा सकती है. हालांकि, उचित जल निकासी और उपजाऊ दोमट मिट्टी इसकी खेती के लिए अच्छी मानी जाती है. प्याज को अधिक क्षारीय या दलदली मिट्टी में नहीं उगाना चाहिए.
भूमि की तैयारी (Land preparation)
खेत की पहली जुताई मिट्टी पलटने वाले हल से करनी चाहिए. इसके बाद 2 से 3 जुताई कल्टीवेटर या हेरा से करें और हर जुताई के बाद पैड अवश्य लगाएं ताकि नमी सुरक्षित रहे. साथ ही मिट्टी भी भुरभुरी हो जानी चाहिए. जमीन को सतह से 15 सेमी की ऊंचाई पर 1.2 मीटर चौड़ी पट्टी पर प्रत्यारोपित किया जाता है.
कितने उर्वरकों का उपयोग करना है (How much fertilizer to use)
प्याज की फसल को बहुत अधिक पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है. प्याज की फसल में खाद एवं उर्वरक का प्रयोग मृदा परीक्षण के आधार पर ही करें. 20-25 टन प्रति हेक्टेयर की दर से गाय के गोबर को रोपाई से एक या दो महीने पहले खेत में डालना चाहिए.