आज हम आपको अपनी इस खास रिपोर्ट में एक ऐसी ही फसल के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके बारे में जानकर आप खुशी से फूले नहीं समाएंगे. आप खुशी से झूम उठेंगे, जब आपको पता चलेगा कि इस फसल की खेती कर आप मालामाल हो सकते हैं. कल तक गुरबत में जीने वाले हमारे किसान भाई इस फसल की खेती कर अच्छा खासा मुनाफा कमा कर अपनी बदहाली से निजात पा सकते हैं. अभी इस फसल की चर्चा अपने चरम पर पहुंच चुकी है. जी हां... इसकी चर्चा की संजीदगी का अंदाजा आप महज इसी से लगा सकते हैं कि अब इसे लेकर सियासी गलियारों में भी चर्चा का बाजार गरमा चुका है. आखिर क्या है, वो फसल, जिसकी खेती कर आप कमा सकते हैं, ढेरों मुनाफा, जानने के लिए पढ़िए हमारी यह खास रिपोर्ट..
काला गेहूं है धन का खजाना
यह फसल कोई और नहीं बल्कि काला गेहूं है. काले गेहूं की खेती कर आप अच्छा खासा मुनाफा अर्जित कर सकते हैं. हालांकि, अभी काले गेहूं की खेती हर जगह व्यापक रूप से प्रचलन में नहीं है. अभी यह महज कुछ राज्यों तक ही सीमित है, लेकिन वो दिन दूर नहीं, जब पूरे देश में बड़े पैमाने पर इसकी खेती होगी. अभी तो फिलहाल इसकी खेती पंजाब में ही की जा रही है. पंजाब के किसान इससे अच्छा खासा मुनाफा अर्जित भी कर रहे हैं.
राजस्थान में भी होगी इसकी खेती
बताया जा रहा है कि बहुत जल्द ही इसकी खेती राजस्थान में भी होगी. राजस्थान में किसानों का रूझान इस ओर तेजी से बढ़ रहा है. हालांकि, कुछ इलाकों में अभी हमारे किसान भाई इसकी खेती करने में सक्रिय हैं. वहीं, कृषि जगत से जुड़े हर मसले को लेकर अपनी बेबाक बयानों से चर्चा में बने रहने वाले प्रदेश के भूतपूर्व कृषि मंत्री प्रभुलाल सैनी ने कहा कि, निसंदेह काले गेहूं की खेती किसान भाइयों के लिए फायदे का सौदा है. खासकर, हमारे प्रगतिशील किसान काले गेहूं की खेती कर अच्छा खासा मुनाफा कमा सकते हैं. चूंकि बाजार में इसकी भारी डिमांड बनी रहती है. अब लोगों का रूझान तेजी से सामान्य गेहूं की तुलना में काले गेहूं की तरफ बढ़ रहा है.
काले गेहूं से होगी पैसों की बारिश
पूर्व कृषि मंत्री प्रभु लाल सैनी ने कहा कि, 'यकीनन अगर हमारे किसान भाई कुछ विधाओं का पालन करते हुए काले गेहूं की खेती करेंगे, तो यह उनकी आय में इजाफा लाएगा. काले गेहूं में एंथोसायनिन पिगमेंट की मात्रा 100 से 200 पीपीएम होती है, जबकि साधारण गेंहू में ये मात्रा 5 से 15 पीपीएम तक होती है. काले गेहूं में प्रोटिन की मात्रा में बहुत अधिक होती है. यहीं नहीं, इन्हीं सब विशेषताओं को लेकर काला गेहूं हमेशा से ही सुर्खियों में बना रहता है. खैर, अब हर गुजरते वक्त के साथ काला गेहूं किसानों के जीवन में क्या कुछ परिवर्तन लेकर आता है. यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा.