देश में सरकार आए दिन किसानों को खेती-किसानी में नए-नए कार्य सिखाने के लिए योजनाएं चला रही है. जिससे वह आज के समय की आधुनिक खेती (modern agriculture) कर फसल से डबल मुनाफा प्राप्त कर सकते हैं. इसी कड़ी में हिमाचल प्रदेश सरकार किसानों को प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना से मदद कर रही है.
आपको बता दें कि प्रदेश में इस योजना की समीक्षा कृषि सचिव राकेश कंवर ने की है. मिली जानकारी के मुताबिक, इस योजना ने साल 2022-23 में 83 प्रतिशत तक अपने लक्ष्य को पूरा कर लिया है और बाकी बचे लक्ष्य को जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा. तो आइए आज की इस खबर में जानते हैं कि क्या है प्राकृतिक खेती खुशहाल योजना और कैसे इसका लाभ किसानों को दिया जा रहा है?
प्राकृतिक खेती खुशहाल योजना (Prakritik Kheti Khushal Yojana)
प्राकृतिक खेती खुशहाल योजना किसान भाइयों के लिए बेहद मददगार साबित हो रही है. दरअसल, सरकार की इस योजना से खेत में केमिकल फर्टिलाइजर और कई तरह के कीटनाशक के इस्तेमाल को खत्म करने का काम किया जाता है. इस कार्य के लिए किसानों को योजना में शामिल किया जाता है और उन्हें इस संदर्भ में प्रशिक्षण भी दिया जाता है, ताकि वह फसल से अच्छा उत्पादन प्राप्त कर सकें. प्रशिक्षण के दौरान किसानों को फसल पर होने वाले फर्टिलाइजर और कीटनाशक के नुकसान के बारे में विस्तार से जानकारी दी जाएगी. ये ही नहीं इस योजना के माध्यम से किसानों की आर्थिक रूप से मदद भी की जाती है.
प्रदेश के 10 लाख किसानों को शामिल करने का लक्ष्य
प्राकृतिक खेती खुशहाल योजना में सरकार प्रदेश के करीब 10 लाख किसानों को शामिल करेगी. इसके अलावा अधिकारियों का यह भी कहना है कि प्रदेश में इस बात का भी ध्यान रखा जाएगा कि कोई भी किसान अपने खेत में केमिकल फर्टिलाइजर और कीटनाशक का इस्तेमाल नहीं करें. क्योंकि इनके उपयोग से खेत की उर्वरक क्षमता क्षीण होती जाती है, जिससे आगे चलकर किसानों को बेहद नुकसान का सामना करना पड़ सकता है.
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योजना का फायदा
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इससे राज्य के किसानों को कई गुणा अधिक लाभ प्राप्त होगा.
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खेती की मृदा प्रदूषण में कमी देखने को मिलेगी.
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इस योजना के चलते किसान आत्मनिर्भरबनेंगे.
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साथ ही उनकी आय के कई नए रास्ते भी तैयार होंगे.