देशभर में मौसम ने ली करवट! यूपी-बिहार में अब भी बारिश का अलर्ट, 18 सितंबर तक झमाझम का अनुमान, पढ़ें पूरा अपडेट सम्राट और सोनपरी नस्लें: बकरी पालक किसानों के लिए समृद्धि की नई राह गेंदा फूल की खेती से किसानों की बढ़ेगी आमदनी, मिलेगा प्रति हेक्टेयर 40,000 रुपये तक का अनुदान! किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ जायटॉनिक नीम: फसलों में कीट नियंत्रण का एक प्राकृतिक और टिकाऊ समाधान Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं
Updated on: 7 March, 2019 5:29 PM IST

अब फूलों की सुगंध के जरिए बिना कीटनाशक के प्रयोग से फसलों को खतरनाक बीमारी से आसानी से बचाया जा सकता है। आपको पढ़कर विश्वास नहीं होगा लेकिन यह एकदम सच बात है. हरियाणा के हिसार में यह कार्य शुरू भी हो गया है। दरअसल यहां पर गैस मेटोग्राफी तकनीक के इस्तेमाल से फूलों की सुंगध के सहारे कीटनाशकों को फसलों से  बचाने का कार्य हो रहा है। इस तरह के प्रयोग से फसलों को कई फायदें होते है जिनमें पहला फायदा होता है कि फसलों की पैदावार में बढ़ोतरी होती है तो वही दूसरा फायदा यह है कि किसी भी तरह के कीटनाशकों को नहीं डालना पड़ता है जिससे धन की बचत होती है और स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता है। इस बारे में सारी जानकारी स्पेन के संस्थान ऑफ बायोटेक्नोलॉजी  के प्रोफेसर मरकोस इजी कोरटिन्स ने दी है।

की गई अहम रिसर्च

प्रो मरकोस इजी कोरटिन्स ने जानकारी दी कि उन्होंने स्नैप ड्रैगन और पिटुनिया पौधों पर पूरी तरह से रिसर्च की है। इस पर उन्होंने वर्ष 2011 में कार्य शुरू किया था और वर्ष 2017 तक उन्होंने अपनी रिसर्च को पूरा किया है। उन्होंने अपनी रिसर्च को पूरा करते हुए पाया कि इन सभी पौधों के फूलों में पीटल्स एलिमेंट पाए जाते है जो कि फसलों में बीमारियों को फैलाने वाले इंसेक्ट एवं कीट को अपनी ओर आकर्षित करते है। इन सभी पौधों के फूलों में एक विशेष प्रकार की सुगंध पाई जाती है, जो कि कीट पतंगों को तेजी से अपनी ओर आकर्षित करने का कार्य करती है जिसके कारण सारे कीट सिर्फ इन पौधों पर ही बैठे रहते है। इस तरह से फसलों को विभिन्न बीमारियों से बचाया जा सकता है।

विभिन्न फसलों के बीज लगा सकते

स्नैप ड्रैगन और पिटुनिया पौधों को गेहूं, चावल, ज्वार, बाजारा, कपास आदि कै बीच में आसानी से लगाया जा सकता है। इन पौधों की सुंगध से कीट पतंगे इन पौधों पर आकर्षित होकर बैठ जाते है और हम बिना किसी कीटनाशक का प्रयोग किए ही फसलों को बीमारियों से बचा सकते है। यह तकनीक काफी ज्यादा कारगार होती है।

बिना कीटनाशक के बेहतर फसल पैदावार

प्रोफेसर मारकोस का कहना है कि इस तरह के शोध में पौधों को स्टेप -टू- स्टेप के आधार पर बीच में लगाया गया है इसमें किसी भी तरह के पेटीसाइड को नहीं डाला गया है जबकि दूसरी जगह गेंहू पर इसका प्रयोग हुआ है। दोनों के परिणामों की तुलना आपस में की गई है तो यह बात समाने आई कि जिस फसल में कीटनाशक न डाला गया वह भी अच्छी तरह की फसलों की किस्म को प्रदान कर रही है।

English Summary: Now save the crops with the help of these floral fragrances
Published on: 07 March 2019, 05:31 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now