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Updated on: 27 May, 2019 5:00 PM IST

भारत का पूर्वोत्तर राज्य सिक्किम देश का पहला राज्य है जो कि पूर्ण रूप से जैविक है. सिक्किम देश ही नहीं दुनिया का भी पहला जैविक राज्य है. सिक्किम पूरी तरह से जैविक राज्य बन जाने पर यहां किसानों की आमदनी में भी इजाफा हुआ है. इसी राह पर पहाड़ी राज्य हिमाचल भी निकल पड़ा है. दरअसल हिमाचल प्रदेश में  2022 तक पूरी तरह से जैविक कृषि वाला राज्य बनाने का ब्लू प्रिटं तैयार किया गया है. गत  दिनों हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहा कि प्रदेश सरकार ने चालू वित्त वर्ष के दौरान लगभग 50 हजार किसानों को प्राकृतिक खेती का प्रशिक्षण प्रदान करने का तेजी से लक्ष्य पूरा हुआ है.

प्राकृतिक खेती से फायदा

प्राकृतिक खेती में उन्होंने संतोष व्यक्त किया है और साथ ही इस बात की उम्मीद जताई है कि वर्ष 2022 तक हिमाचल प्रदेश पूर्ण रूप से प्राकृतिक खेती को अपनाने वाले राज्य के रूप में उभरेगा. राज्यपाल ने कहा कि सोलन में कृषि विभाग के द्वारा आयोजित प्राकृतिक कृषि खुशहाल किसान योजना के अंतर्गत सुभाष प्राकृतिक खेती पर कर्यशाला को आयोजित किया. उन्होंने कहा कि उनके पास जैविक खेती का लगभग 25 वर्षों का व्यवहारिक अनुभव है. लेकिन उन्होंने अंत में प्राकृतिक खेती ही चुनी. यह खेती कई मायनों में सफल साबित हुई है. यह मिट्टी की गुणवत्ता को सुधारने, उत्पादन लागत में कमी, किसानों की आर्थिकी सुधार में सहयोग में साबित हुई है.

50 हजार से ज्यादा किसानों को ट्रेनिंग मिलेंगी

कृषि विभाग के सचिव ओंकार शर्मा ने बताया कि प्रदेश की सरकार ने प्राकृतिक खेती को तेजी से राज्य में बढ़ावा देने के लिए कई तरह के कदमों को उठाया है, प्रदेश की सरकार को कृषि के लिए इस पद्धति को अपनाने के बाद खेती के लिए 25 करोड़ रूपये के बजट का आबंटन किया गया है. उन्होंने बताया कि कृषि विभाग के प्रयासों के फलस्वरूप पिछले वर्ष 500 किसानों के लक्ष्य के मुकाबले 3000 किसानों को इस योजना के अंतर्गत लाया गया है. साथ ही उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस साल 50 हजार किसानों के निर्धारित लक्ष्य को आसानी से प्राप्त कर लिया जाएगा. इसके लिए प्रदेश में अधिक से अधिक प्रशिक्षण शिविर और कार्यशालाएं आयोजित की जाएगी.

English Summary: Now Himachal Pradesh will present a new example of organic farming.
Published on: 27 May 2019, 05:04 PM IST

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