मच्छरों की बढ़ती हुई फौज ने देश के लोगों को खतरे में डाल दिया है. खासकर के इस समय मानसून का सीजन चल रहा है. खासकर बारिश के मौसम में बुखार, डायरिया, डेंगू, मलेरिया आदि बीमारियों से त्रस्त मरीजों की भींड का प्रमाण इस बात को साबित करता है. इससे बचने के लिए सरकार सहित आम लोग भी कई तरह के उपायों को अपनाते है.
खास मछली करेगी मच्छरों का इलाज
इस बार चिकित्सा विभाग ने डेंगू और मलेरिया के मच्छर को पनपने से पहले ही खत्म करने की तैयारी खास कर ली है. दरअसल इस अभियान में गैंबूसिया मछली मदद करेगी. इन मछलियों को विभाग ऐसे साफ पानी में छओड़ेगा जहां पर मच्छर का लार्वा पनप सकता है. ये मछलियां लार्वा को अपनी खुराक बनाकर मच्छरों को पनपने से रोकेंगी. इसके अलावा मच्छरों को मारने के लिए दवा में भी बदलाव करने की तैयारी चल रही है. दरअसल बारिश के शुरू होते ही तेजी से मच्छरों का पनपना शुरू हो जाएगा. तालाबों के अलावा दूसरी जगह भरे हुए पानी में पनपने वाले मच्छर मलेरिया जैसी बीमारियों की वजह बनते है. कई जिलों में इन मछलियों को छोड़ने का काम किया गया है. इसका पहला प्रयोग गौतमबुद्ध नगर में किया जाएगा.
लार्वा है पंसदीदा भोजन
बता दें कि मच्छर का लार्वा इस गैंबूसिया मछली का बेहद ही पंसदीदा भोजन है. इन मछलियों को केवल लखनऊ में मंगवाया गया है. इन मछलियों की कीमत प्राय 6 से 7 रूपये तक होती है. लखनवी मछली का प्रयोग विभाग मच्छरों के खात्मे के लिए करेगा. इन मछलियों को साफ पानी में छोड़ने का फैसला लिया गया है.
बढ़ रहे डेंगु के मरीज
वर्ष 2017 में डेंगु के मरीजों की संख्या महज 13 थी जो कि 2018 में दोगुनी होकर बढ़कर 28 तक हो गई है. इसीलिए इस तरह के स्थितियों से निपटने के लिए स्वास्थय विभाग गैंबूसिया मछली को तालाब में छोड़ने का निर्णय लिया है.