किसान फसलों के अच्छी उत्पादन के लिए यूरिया का इस्तेमाल करते हैं, ताकि फसल का उचित दाम मिल सके. इसके चलते इफको ने किसानों के लिए बड़ी राहत देने का काम शुरू किया है. दरअसल, इफोक ने नैनो यूरिया (तरल) की भांति ही नैनो डीएपी बनाने पर तेजी से काम शुरू कर दिया है.
दुनियाभर में कृषि क्षेत्र में क्रांति लाने की क्षमता रखने भारतीय किसान उर्वरक सहकारी (इफको) ने नैनो डीएपी बनाने का पहला उत्पाद करने जा रही है. यह फसलों के लिए बहुत अच्छी मानी जा रही है.
इफको (IIFCO) के अनुसार, नया नैनो डीएपी (Nano DApp) बेहतर पोषण गुणवत्ता के साथ फसलों के उत्पादन में वृद्धि करेगा. पारंपरिक यूरिया की तुलना में सस्ता है. इसके साथ ही नए उत्पाद से दानेदार रूप के कारण होने वाले पर्यावरण प्रदूषण को कम कर सकता है.
नैनो डीएपी की कीमत (Nano DAP Price)
आपको बता दें कि किसानों को बाज़ार में डीएपी करीब 1200 रुपये में मिलती है. जिस पर सरकार द्वारा सब्सिडी (subsidy) मुहैया करायी जाने पर यह साधरण डीएपी 1650 मी मिलती है. इस तरह से डीएपी के एक कट्टे की कीमत 2850 रुपये है. इफ्को ने किसानों के लिए यह सुविधा दी है कि नैनो डीएपी किसानों को बिना सरकारी सब्सिडी के प्राप्त होगी.
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नैनो डीएपी का किया ट्रायल (Such A Trial Of Nano DAP)
इफको ने फसलों के अच्छे उत्पादन के लिए कई तरह की फसलों के बीजों पर नैनो डीएपी का उपयोग किया, जिसमें काफी अच्छे परिणाम सामने आये हैं. आपको बता दें इफको ने 15 दिन के अन्तराल में बीजों को नैनो डीएपी में भिगोकर लगाया. उसके बाद फिर 15 दिन के बाद स्प्रे किया गया है. इसके अलावा अन्य फसलों पर भी नैनो डीएपी का भी प्रयोग किया जा रहा है.
बता दें कि इफको द्वारा नैनो डीएपी पर रिसर्च का कार्य कलोल नैनो रिसर्च सेंटर पर किया जा रहा है. जल्द ही देश के सभी 1100 स्थानों पर नैनो डीएपी ट्रायल होगा. इसके बाद साल 2022 में केंद्र सरकार को भेजा जाएगा. इसका केंद्रीय परीक्षण समिति द्वारा जांचकर किसानों को उपलब्ध कराने की अनुमति मिलेगी. इफको के अनुसार, किसानों को अगले साल तक नैनो डीएपी मिल सकेगी.