यह खबर उन सभी किसानों के लिए बेहद अहम है, जो मौजूदा वक्त में अपनी फसलों को मंडियों में ‘न्यूनतम समर्थन मूल्य’ पर बेच रहे हैं. बता दें कि विगत एक अप्रैल से सरकार किसान भाइयों से उनकी फसलों कों न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद रही है, ताकि उन्हें फायदा पहुंच सके, मगर इस बार कोरोना के कहर के चलते लगातार इसमें विलंब हो रहा है.
इसी कड़ी में अब हिमाचल प्रदेश सरकार ने किसानों को आगामी 10 जून तक गेहूं को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बेचने की छूट प्रदान की है. पहले महज 31 मई तक ही किसानों को अपनी फसल बेचने की इजाजत थी, लेकिन अब कोरोना के कहर को ध्यान में रखते हुए इस तिथि को आगे बढ़ा दिया गया है, ताकि किसान भाई अपनी फसलों को उचित समय पर उचित कीमत में बेच सके.
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धान की रोपाई करने वालों पर होगी कार्रवाई, जानिए क्यों
खरीफ का सीजन शुरू हो चुका है, इसके मद्देनज़र कृषि विभाग भी सक्रिय हो गया है और कृषि विभाग ने धान की रोपाई करने के लिए समय निर्धारित कर दिया…
इन मंडियों में बेची जा रही है फसल
यहां हम आपको बताते चले कि वर्तमान में प्रदेश के पावंटा, कालाअंब, नालागढ़, टकारला, हरोली, फतेहपुर, ठाकुरद्वारा और घुमारवीं मंडियों में किसान भाई अपनी फसलों को बेच सकते हैं. इस संदर्भ में विस्तृत जानकारी देते हुए खाद एवं आपूर्ति मंत्री राजेंद्र गर्ग ने कहा कि तिथि आगे बढ़ाए जाने से उन किसान भाइयो को फायदा होगा, जो कोरोना के कहर के चलते अपनी फसलों को अब तक नहीं बेच पाए हैं. गर्ग ने कहा कि हमारी सरकार किसानों को उचित कीमत दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है. हम लगातार किसान भाइयों के हित की दिशा में प्रयासरत हैं.
अब तक इतनी फसल खरीद चुकी है
बता दें कि सरकार अब तक किसान भाइयों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर तकरीबन 8984.7 मीट्रिक टन गेहूं खरीद चुकी है. किसान भाइयो को अपनी फसलों को बेचने में किसी भी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े इसके लिए सिरमौर के कालाअंब, पांवटा साहिब, सोलन के नालागढ़, बिलासपुर के घुमारवीं, ऊना में टकराला और हरोली, कांगड़ा में फतेहपुर और ठाकुरद्वारा में खरीद केंद्र बनाए गए हैं, ताकि किसान भाइयों को उनकी फसलों की उचित कीमत मिल सके.
English Summary: Now a farmer can sell the wheat till 10 junePublished on: 29 May 2021, 12:23 PM ISTMore on this section
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