केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री मनसुख मंडाविया ने बताया कि इस साल की खरीफ फसल के लिए देश के किसानों को उर्वरकों की कोई कमी नहीं होगी. मंडाविया ने कहा कि देश में यूरिया का भंडारण अच्छी मात्रा में है. हमने विदेश से कई उत्पादकों के साथ मंत्रालय के द्वारा देश में उर्वरक आपूर्ति के लिए समझौता किया गया है. उन्होंने कहा कि हमको इस सीजन के दौरान डाय-अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) के और अधिक आयात की जरूरत होगी.
उर्वरक मंत्री ने कहा कि अप्रैल की शुरुआत से ही देश में यूरिया का स्टॉक उपलब्ध रहेगा और अप्रैल से सितंबर के बीच खरीफ सीजन के दौरान यूरिया का अनुमानित घरेलू उत्पादन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि बाजारों से यूरिया और एनपीके उर्वरक आयात करने की कोई जरूरत नहीं है.
उन्होने कहा कि खरीफ सीजन के लिए यूरिया की अनुमानित आवश्यकता 179 लाख टन होती है और इस खरीफ सीजन इसकी कुल उपलब्धता 194.31 लाख टन होगी, जिसमें अप्रैल के शुरुआत तक 55 लाख टन का स्टॉक और अगले छह महीनों के दौरान 139.31 लाख टन का उत्पादन किया जाना है.
मांडविया ने कहा कि देश में डीएपी का शुरुआती स्टॉक 25 लाख टन है और इसका उत्पादन 20 लाख टन होने का अनुमान है. खरीफ सीजन के लिए कुल उपलब्धता 45 लाख टन की होनी चाहिए. खरीफ सीजन के लिए एनपीके की कुल आवश्यकता 63.72 लाख टन होती है और अभी इसकी उपलब्धता 77.15 लाख टन है.
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उर्वरक मंत्री ने कहा 'हमें इस खरीफ सीजन के लिए यूरिया और एनपीके उर्वरकों के आयात की जरूरत नहीं होने वाली है, थोड़ी बहुत मात्रा में डीएपी का आयात करना पड़ सकता है. देश ने 2021-22 में 91.36 लाख टन यूरिया, 54.62 लाख टन डीएपी, 24.60 लाख टन म्यूरेट ऑफ पोटाश और 11.70 लाख टन एनपीके उर्वरकों का आयात किया था.’