बाजपुर के किसानों को धान फसल की कटाई को लेकर काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. अपनी परेशानी का हल ढूंढने के लिए देहरादून पहुंच किसानों ने प्रतिनिधिमंडल के खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के आयुक्त से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा.
आपको बता दें कि देहरादून पहुंचे किसानों ने भारतीय किसान यूनियन (Indian Farmer's Union) के ब्लाक अध्यक्ष प्रताप सिंह संधू की मौजूदगी में किसान प्रतिनिधिमंडल ने मांग पत्र सौंपा. इसके अलावा किसानों ने यह भी कहा कि सत्र 2021-22 में धान खरीद के दौरान जिले में आई आपदा के कारण कृषि उत्पादन मंडी समिति परिसर (Agricultural Produce Market Committee Complex) में तीन से चार फुट तक जल भराव जैसी खराब स्थिति बन गई थी. जिसके चलते किसानों के द्वारा जमा किया हुआ धान पूरा भीग कर खराब हो गया.
यह भी पढ़ेः धान की नर्सरी कैसे तैयार करें? और किन बातों का रखें विशेष ध्यान
ई-पोर्टल पर धान की कोई जानकारी नहीं (No information about paddy on e-portal)
किसानों के इस मुसीबत की घड़ी में स्थानीय प्रशासन और राइस मिलर्स ने भरपूर सहयोग दिया. इनके सहयोग के कारण ही कुछ किसान अपने धान को राइस मिल में पहुंचा सके. लेकिन धान ऑनलाइन भेजे जाने के कारण धान का सही वजह ई-पोर्टल पर ऑनलाइन दर्ज नहीं हो पाया. जिसके चलते किसानों को उनके धान का लाभ नहीं मिल सका और फिर अब उन्हें आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है. अपनी इसी परेशानी का हल खोजने के लिए किसानों ने देहरादून पहुँच कर अपनी मांगे खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के आयुक्त के सामने रखा.
विभाग से मांगी मदद (Help sought from the department)
किसानों की परेशानियों को देखते हुए विभाग के आयुक्त प्रताप सिंह संधू ने किसानों को भरोसा दिलाया है कि, होली के तुरंत बाद उनकी सभी समस्याओं का समाधान किया जाएगा. तब तक के लिए आयुक्त ने सभी किसानों से शांति बनाए रखने की मांग की है. इस बात-चीत के दौरान प्रतिनिधिमंडल में तेजपाल सिंह, गुरविदर सिंह, राजकुमार कंबोज, रिसालत अली आदि मौजूद थे.
एक नजर धान की फसल पर (A look at the paddy crop)
विश्व में पैदा होने वाली प्रमुख फसलों में से धान है. धान की फसल (dhaan ki fasal) से किसान चावल का उत्पादन करते है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पूरे विश्व में मक्का की खेती (maize cultivation) के बाद धान की खेती सबसे अधिक की जगहों पर की जाती है, क्योंकि इस फसल की राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय बाजार (national and international market) में सबसे अधिक मांग है. किसान इस फसल से अच्छा मुनाफा कमाते आ रहे हैं.