केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री कैलाश चौधरी बीते बुधवार (1 जून) को हिमाचल प्रदेश के दौरे पर थे. जहां केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी ने प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर कृषि मंत्रालय के संस्थानों की ओर से आयोजित कार्यक्रमों में भाग लिया था.
इस दौरान केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी पहले डॉ यशवंत सिंह परमार बागवानी और वानिकी विश्वविद्यालय, सोलन में देशभर के विभिन्न कृषि विज्ञान केंद्रों के सहयोग से किसानों द्वारा तैयार की गई उन्नत एवं प्राकृतिक खेती संबंधी प्रदर्शनी के उद्घाटन कार्यक्रम तथा केवीके सम्मेलन में सम्मिलित हुए.
इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल आचार्य देवव्रत, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, हिमाचल के कृषि मंत्री वीरेंद्र कुमार, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डॉ. त्रिलोचन महापात्रा, कुलपति डॉ. राजेश्वर सिंह चंदेल एवं उप महानिदेशक ए. के. सिंह सहित अधिकारीगण एवं सामान्य किसान बंधु उपस्थित रहे.
कृषि व किसान प्रदर्शनी को संबोधित करते हुए केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि किसान हमारे देश के रीढ़ की हड्डी है जो अन्न्दाता भी हैं. किसानों के लिए इस तरह के आयोजन होते रहना चाहिए. इससे किसान जागरूक होकर और ज्यादा से ज्यादा सीखते है. जिससे प्राकृतिक खेती करने में उन्हें आसानी होती है.
किसानों को केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, किसान सम्मान निधि योजना, किसान क्रेडिट कार्ड सहित विभिन्न कृषि हितेषी योजनाओं की जानकारी देते हुए अधिक से अधिक लाभ उठाने का आह्वान किया.
कैलाश चौधरी ने कहा कि "प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का लक्ष्य छोटे किसानों को सशक्त बनाना है. क्योंकि भारत की लगभग 55 प्रतिशत जनसंख्या ग्रामीण है और देश तभी आगे बढ़ेगा जब ग्रामीण आबादी आगे बढ़ेगी. इसीलिए सरकार लगातार विभिन्न कृषि एवं किसान हितेषी योजनाओं के माध्यम से किसानों को नई तकनीक के साथ आवश्यक संसाधन उपलब्ध करवा रही हैं, जिससे उनकी आय में वृद्धि करने के साथ ही जीवन स्तर में भी बदलाव लाने को लेकर प्रयासरत है".
छोटे किसानों को प्रोत्साहित कर रही है केंद्र सरकार
किसानों से संवाद करते हुए केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि देश के छोटे किसानों की चुनौतियों को दूर करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने बीज, बीमा, बाजार और बचत इन सभी पर चौतरफा काम किया है. केंद्र सरकार ने अच्छी क्वॉलिटी के बीज के साथ ही किसानों को नीम-कोटेड यूरिया, सॉइल हेल्थ कार्ड, माइक्रो इरिगेशन जैसी सुविधाओं से भी जोड़ा.
सरकार ने 22 करोड़ सॉइल हेल्थ कार्ड किसानों को दिए. इस वैज्ञानिक अभियान के कारण कृषि उत्पादन में रिकॉर्ड बढ़ोतरी हो रही है. कैलाश चौधरी ने कहा कि मोदी सरकार ने देशभर की कृषि मंडियों के आधुनिकीकरण के लिए भी करोड़ों रुपये खर्च किए.
आज केंद्र सरकार का कृषि बजट 5 गुना बढ़ गया है. हर वर्ष सवा लाख करोड़ रुपये से अधिक कृषि पर खर्च किए जा रहे हैं. साथ ही छोटे किसानों की जरूरतों को पूरा करने के लिए सीधे उनके बैंक खाते में किसान सम्मान निधि की राशि ट्रांसफर हो रही है.