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Updated on: 11 February, 2022 2:37 AM IST
Spice Cultivation

प्राचीन काल के समय से ही भारत को मसालों की भूमि के नाम से जाना जाता है. भारत में विभिन्न प्रकार की जलवायु और मृदा पाए जाने के कारण यहाँ करीब 63 मसालों की प्रजातियां (63 Spice Species ) की खेती की जाती है.

मसालों की खेती से किसानों काफी अच्छा मुनाफा मिलता है. किसानों की आय को दोगुनी करने के लिए राजस्थान में मसालों की खेती (Spice Cultivation ) करने के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है.

बता दें राजस्थान के झुंझुनू के आबूसर गाँव में मसाले की खेती का बड़ा प्रयोग किया जा रहा है. यहां अधिकारी छह प्रकार की मसाला फसलों पर अनुसंधान कर रहे हैं. यदि प्रयोग सफल रहा तो चार जिलों में इसकी बड़े स्तर पर खेती की जाएगी.

कृषि विभाग के एडप्टिव ट्रायल सेंटर (एटीसी) आबूसर में कैफेटरिया तैयार किया गया है. जिसमें छह प्रकार के मसाला बीज की प्रायोगिक खेती की गयी है. सेंटर की अनुसंधान अधिकारी ने बताया कि अजवायन, जीरा, मैथी, धनिया, सौंफ और दिल की प्रायोगिक खेती की गई है. यहां की जलवायु, मिट्टी और पानी के अनुकूल मसाला फसलों की खेती पर अनुसंधान किया जा रहा है. प्रयोग सफल रहा तो अगले सत्र में किसानों को इसकी खेती की सलाह दी जाएगी.

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कृषि अधिकारियों के कहना है की यहाँ राजस्थान के इस क्षेत्र में चारों जिलों में कोई भी फसल व बीज की किस्म उगाने से पहले यहां उसका परीक्षण किया जाता है. इसके बाद ही किसानों को उसे उगाने की सलाह दी जाती है. यहां प्रगतिशाील किसानों, कृषि विज्ञान के विद्यार्थियों और कृषि पर्यवेक्षकों को नियमित बुलाकार मसाला खेती की जानकारी दी जा रही है. अभी तक छह फसलों पर अनुसंधान किया जा रहा है. जिसमें अभी तक कुछ सफल नतीजे दिखाई दे रहे हैं.

कृषि विभाग का उद्देश्य (Objectives Of Department Of Agriculture)

जिले के किसानों को खेती से अधिक लाभ मिल सके इसके लिए राज्य में छह प्रकार के मसाला बीज पर प्रयोग किया जा रहा है. नतीजे सफल मिलने पर किसानों को मसाला की खेती के लिए किसानों को सलाह देंगे.

English Summary: New Agri-Idea, This experiment will increase the income of farmers
Published on: 11 February 2022, 04:14 PM IST

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