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Updated on: 15 September, 2022 11:33 AM IST
Agriculture Minister Narendra Singh Tomar

ग्रेटर नोएडा में चल रहे अंतरराष्ट्रीय डेयरी महासंघ के विश्व डेयरी शिखर सम्मेलन के तीसरे दिन बुधवार को केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की अध्यक्षता में फीडफ़ूड एंड वेस्ट पर विशेष सत्र हुआ.

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने देश-विदेश के उपस्थित प्रतिनिधियों का ध्यान कृषि और डेयरी क्षेत्र की चुनौतियों की ओर आकर्षित करते हुए उस पर मिल-जुलकर काम करने की बात कही.उन्होंने कहा कि चुनौतियों का समाधान करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छोटी-छोटी चीजों पर बल दियाजिससे इस पर समग्र उत्साह जाग्रत हुआ है. प्रमुख रूप से पशुओं के लिए चारे की पर्याप्त उपलब्धता कैसे होइसके लिए क्या किया जा सकता हैक्या माध्यम हो सकता हैइस पर विचार कर काम करने की आवश्यकता है.

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने हर तरह से वेस्ट टू वेल्थ मैनेजमेंट पर जोर देते हुए कहा कि सामान्य तौर पर हम वेस्ट का सही तरीके से उपयोग नहीं करते हैं. फसलों का अपशिष्ट हो या घरों में फल-सब्जियों के वेस्ट का निस्तारणइन्हें वेल्थ में बदलना आज की जरूरत है. वेस्ट का विविध प्रकार से कैसे प्रयोग कर सकते हैंउस पर विचार करने और काम करने की जरूरत हैजैसे- पराली को ही ले लेंपराली के लिए टेक्नोलॉजी का उपयोग करते हुए पूसा संस्थान ने डीकंपोजर बनाया है. इससे खेत की उत्पादकता बढ़ेगीवहीं पशुओं के लिए चारा भी उपलब्ध होगाइस दिशा में बड़े पैमाने पर काम करने की जरूरत है.

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि भारत कृषि प्रधान देश हैकृषि का क्षेत्र पशुपालन व सहकारिता के बिना  अधूरा हैइसी के मद्देनजर प्रधानमंत्री  मोदी ने कृषि व सम्बद्ध क्षेत्रों के लिए आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत डेढ़ लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के विशेष पैकेज घोषित किए है. पशुपालन व दुग्ध क्षेत्र में महिलाओं का बड़ा योगदान हैइनमें महिला सशक्तिकरण भी निहित है. प्रधानमंत्री जी ने पशुपालन व सहकारिता मंत्रालयों को अलग से बनाकर इनका बजट भी बढ़ाया है. इन सबके पीछे मूल भावना किसानों को लाभ पहुँचाना है. अब एग्री स्टार्टअप्स भी बढ़ रहे है.

केंद्रीय कृषि मंत्री ने अपने संसदीय क्षेत्र के गोरस इलाके का उदाहरण देते हुए बताया कि यह इलाका गिर गाय का क्लस्टर हुआ करता था. वर्तमान में भी यहां करीब 30 हजार गौधन हैलेकिन गर्मी के दिनों में चारे की कमी के कारण पशुओं को चराने के लिए दूर ले जाना होता हैइस दिशा में अब काम शुरू कर दिया गया है. पशुओं को आहार कैसे मिलेइसके लिए जागरूकता कैसे बढ़ेइस पर भी ध्यान देने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि गोबर भी वेस्ट है. केंद्र सरकार ने गोबर धन योजना शुरू की है. गोबर का ऊर्जा के रूप में उपयोग कर सकते हैं. इससे जहां आमदनी बढ़ेगीवहीं पर्यावरण को नुकसान से बचाया जा सकेगा. इसके साथ ही प्राकृतिक खेती को भी बढ़ावा मिलेगा.

उन्होंने कहा कि कोविड के बाद लोग स्वास्थ्य के प्रति सचेत हुए हैं. स्वच्छ और अच्छे उत्पादन की ओर बढ़ रहे हैंभले ही चार पैसे ज्यादा लग जाएं. प्राकृतिक खेती की तरफ लोगों का ध्यान गया है. आर्गेनिक फार्मिंग व नेचुरल फार्मिंग का काम बढ़ रहा है. दुनिया में इसकी मांग है. हाल ही में देश ने पौने चार लाख करोड़ रु. के एग्रीकल्चर प्रोडक्ट का एक्सपोर्ट किया है. इसमें बड़ी मात्रा आर्गेनिक प्रोडक्ट की है. उन्होंने कहा कि इस पूरे विमर्श में जो भी निष्कर्ष सामने आएंगेसरकार उसे गंभीरता से लेगी और विचारपूर्वक आगे बढ़ेगी.

English Summary: Need to work on adequate availability of fodder for animals: Agriculture Minister Narendra Singh Tomar
Published on: 15 September 2022, 11:39 AM IST

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