करनाल स्थित राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान (एनडीआरआई) के वैज्ञानिकों ने क्लोनिंग के क्षेत्र में नई सफलता हासिल की है. एनडीआरआई (NDRI) में 2 क्लोन बछड़ों (1 नर और 1 मादा) का उत्पादन किया गया है, जिनमें अधिक मात्रा में दूध देने की आनुवंशिक क्षमता है. वैज्ञानिकों का दावा है कि इससे देश में दुग्ध उत्पादन दोगुना (Double Milk Production) होगा और किसानों की आय में वृद्धि (Increase Farmers income) होगी.
क्लोन भैंसों में दूध उत्पादन (Milk production in cloned buffaloes)
क्लोन पशु के वीर्य से पैदा होने वाली भैंसों में दूध उत्पादन सामान्य भैंस की तुलना में प्रतिदिन 14 से 16 किलोग्राम होता है. केंद्र सरकार की मंजूरी के बाद यह तकनीक किसानों तक पहुंचाई जाएगी. राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान, करनाल के निदेशक डॉ एम एस चौहान ने कहा कि क्लोनिंग के क्षेत्र में यह सफलता का क्षण है, वैज्ञानिक का शोध सही दिशा में आगे बढ़ रहा है. इसके अलावा उन्होंने बताया कि भारत की कृषि अर्थव्यवस्था में पशुपालन का महत्वपूर्ण स्थान है. भैंस कुल दुग्ध उत्पादन में लगभग 50% का योगदान करती है और किसानों की आजीविका में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है. क्लोन पशुओं के वीर्य से दुग्ध उत्पादन दुगना हो सकता है.
क्या है इन क्लोन बछड़ों के नाम (What is the name of these cloned calves)
डॉ. चौहान ने बताया कि गणतंत्र दिवस पर पैदा होने के बाद से नर बछड़े का नाम 'गणतंत्र' रखा गया है, जबकि मादा बछड़े का नाम 'कर्णिका' (20 दिसंबर को जन्म) शहर करनाल के नाम पर रखा गया है. एनडीआरआई ने 25 से अधिक क्लोन जानवरों को उत्पन्न किया है, जिनमें से 11 अभी भी जीवित हैं.
एनडीआरआई के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक मनोज कुमार सिंह के अनुसार, गणतंत्र एक कुलीन बैल का क्लोन है, जबकि कर्णिका को एनडीआरआई की उच्च उपज देने वाली भैंस की कोशिकाओं से बनाया गया था, जिसने पांचवें स्तनपान में 6,089 किलोग्राम दूध का उत्पादन किया था. बछड़ों का प्रसव नियमित रूप से किया गया और दोनों की हालत ठीक है.
यह एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि है और अब हम क्लोन किए गए जानवरों की मृत्यु दर को कम करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जो 2010 में 1% से बढ़कर लगभग 6% हो गई है.
उनका दावा है कि ये क्लोन किए गए जानवर उच्च गुणवत्ता वाले बैल और दूध उत्पादन की आवश्यकता को पूरा करने में सहायता करेंगे. "11 क्लोन जानवरों में से सात नर हैं, और उनमें से तीन शुक्राणु पैदा करने के लिए कार्यरत हैं,"
दूध उत्पादन में बढ़ोतरी के साथ गुणवत्ता वाले वीर्य की आवश्यकता होगी पूरी (With the increase in milk production, the need for quality semen will be fulfilled)
एनडीआरआई करनाल के निदेशक मनमोहन सिंह चौहान ने कहा, "एनडीआरआई के शोधकर्ताओं के प्रयासों से ना केवल देश में दूध उत्पादन को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी, बल्कि कृत्रिम गर्भाधान के लिए उत्कृष्ट गुणवत्ता वाले वीर्य की आवश्यकता को पूरा करने में भी मदद मिलेगी."
अधिक जानकारी के लिए आप एनडीआरआई से संपर्क कर सकते हैं.