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Updated on: 18 December, 2024 6:49 PM IST
प्राकृतिक कृषि प्रशिक्षण शिविर में किसानों को संबोधित करते हुए एम.सी. डोमिनिक,संस्थापक एवं प्रधान संपादक, कृषि जागरण

कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, सोनीपत और सूर्या फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में 18 दिसंबर 2024 को सूर्या साधना स्थली, झिंझौली, सोनीपत, हरियाणा में एक दिवसीय विशेष प्राकृतिक कृषि प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य किसानों को प्राकृतिक खेती की तकनीकों से अवगत कराना, उनके लाभों से परिचित कराना और पर्यावरण अनुकूल खेती को प्रोत्साहित करना था.

प्राकृतिक कृषि प्रशिक्षण शिविर में किसानों ने लिया हिस्सा

200 से अधिक प्रगतिशील किसानों की भागीदारी

इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में एम.सी. डोमिनिक, संस्थापक एवं प्रधान संपादक, कृषि जागरण, और विशेष अतिथियों में हेमंत शर्मा (उपाध्यक्ष, सूर्या फाउंडेशन), डॉ. पवन शर्मा (उप निदेशक, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, सोनीपत) और बी.के. प्रमोद (जैविक कृषि विशेषज्ञ, प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय, सोनीपत) शामिल हुए. इसके अलावा, सोनीपत जिले के लगभग 200 से अधिक प्रगतिशील किसानों ने भी कार्यक्रम में हिस्सा लिया.

किसानों ने सीखे प्राकृतिक खेती के पहलू

कार्यक्रम के दौरान किसानों ने प्राकृतिक खेती के विभिन्न पहलुओं के बारे में सीखा. 8-10 किसानों ने मंच पर अपने व्यक्तिगत अनुभव साझा किए, जिनसे अन्य किसानों को प्रेरणा मिली और यह समझने में मदद हुई कि कम लागत और जैविक तरीकों से बेहतर उत्पादन कैसे किया जा सकता है.

कृषि जागरण के संस्थापक एवं प्रधान संपादक, एम.सी. डोमिनिक किसानों को संबोधित करते हुए

किसानों को ‘मिलियनेयर किसान’ बनाने का विज़न

मुख्य अतिथि एम.सी. डोमिनिक ने अपने प्रेरणादायक संबोधन में कहा,"देश के किसान समृद्ध बनें, ‘मिलियनेयर किसान’ बनें और अपने क्षेत्र का नाम राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंचाएं. कृषि समुदाय को इस प्रकार सशक्त बनाना हमारा लक्ष्य है. हम चाहते हैं कि किसान का बेटा डॉक्टर, इंजीनियर और वैज्ञानिक बने और डॉक्टर व इंजीनियर का बेटा किसान बनने पर गर्व करे. कृषि को इस स्तर तक पहुंचाने के लिए कृषि जागरण पूरी तरह प्रतिबद्ध है."

विशेषज्ञों ने दी खेती में सुधार की सलाह

विशेष अतिथि हेमंत शर्मा, डॉ. पवन शर्मा और बी.के. प्रमोद ने प्राकृतिक कृषि, जैविक खाद, प्राकृतिक संसाधनों के उपयोग और कम लागत वाली खेती की तकनीकों पर विस्तृत जानकारी दी.

पौधारोपण करते हुए कृषि जागरण के संस्थापक एवं प्रधान संपादक, एम.सी. डोमिनिक

कार्यक्रम की मुख्य गतिविधियां

  • सुबह 11:00 बजे: अतिथियों के स्वागत समारोह से कार्यक्रम की शुरुआत हुई.
  • 11:15 से दोपहर 1:00 बजे: परिसर भ्रमण और पौधारोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस दौरान एम.सी. डोमिनिक ने अपने नाम से एक पौधा लगाया और इसे पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक छोटी लेकिन महत्वपूर्ण पहल बताया.
  • दोपहर 1:30 बजे: किसानों और विशेषज्ञों के बीच प्राकृतिक खेती के विभिन्न पहलुओं पर गहन चर्चा हुई.
  • 2:30 बजे: सभी प्रतिभागियों के लिए भोजन की व्यवस्था की गई.
  • 2:45 बजे: शिक्षकों के लिए व्यक्तित्व विकास शिविर (TPDC) का आयोजन हुआ.

कार्यक्रम के प्रभाव

यह आयोजन किसानों के लिए एक शैक्षिक अनुभव साबित हुआ. विशेषज्ञों द्वारा दी गई जानकारी ने किसानों को प्राकृतिक संसाधनों के उपयोग और कम लागत में बेहतर उत्पादन की विधियों को अपनाने के लिए प्रेरित किया.

एम.सी. डोमिनिक के प्रेरणादायक विचारों ने किसानों के आत्मविश्वास को बढ़ाया. उन्होंने किसानों को जागरूक किया कि प्राकृतिक खेती के जरिए न केवल आय बढ़ाई जा सकती है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान दिया जा सकता है.

कार्यक्रम ने किसानों को उनकी खेती की प्रक्रिया में सुधार करने और समाज के प्रति उनकी भूमिका को समझने में मदद की. आयोजकों और विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के कार्यक्रमों से किसानों की आर्थिक और सामाजिक स्थिति में सुधार हो सकता है.

English Summary: natural farming training camp organized in sonipat more than 200 farmers participated
Published on: 18 December 2024, 07:01 PM IST

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