भारत के अग्रणी कृषि समाधान प्रदाता कोरोमंडल इंटरनेशनल को “नमो ड्रोन दीदी” योजना के माध्यम से देश के कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के भारत सरकार के मिशन का हिस्सा होने पर गर्व है. कंपनी ने खेती को आधुनिक बनाने की दिशा में स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) की महिलाओं को 200 ड्रोन की डिलीवरी की घोषणा की. रसायन और उर्वरक मंत्रालय द्वारा रंगारेड्डी जिले के माणिक्यमगुडा और आंध्र प्रदेश के गुंटूर सहित देश के 11 स्थानों पर आयोजित एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वस्तुतः 1,000 से अधिक ड्रोन सौंपे, जिनमें विभिन्न स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों को दिये गए कोरोमंडल इंटरनेशनल के 200 ड्रोन भी शामिल थे.
कोरोमंडल की ओर से बांटे गए ड्रोन का इस्तेमाल आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक राज्यों में महिला एसएचजी सदस्यों द्वारा किया जाएगा. कंपनी ने इन ड्रोनों को चलाने के लिए स्थानीय महिला पायलटों को प्रशिक्षित भी किया है.
इसके अलावा, कोरोमंडल इंटरनेशनल द्वारा वितरित ड्रोन का निर्माण उसकी सहायक व देश की अग्रणी ड्रोन निर्माता कंपनी धाक्षा अनमैन्ड सिस्टम्स ने किया है. ये ड्रोन किसानों की विभिन्न आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए डिजाइन किए गए अत्याधुनिक समाधानों की एक विस्तृत श्रृंखला को शामिल करते हैं, इसमें एंटी-कोलिजन सेंसर, सुरक्षित लैंडिंग के लिए आरटीएल सुविधा जैसी अंतर्निहित सुरक्षा सुविधाएं शामिल हैं और ये उच्च गुणवत्ता वाले नोजल से लैस हैं जो प्रति दिन 30 एकड़ तक छिड़काव कर सकते हैं.
“नमो ड्रोन दीदी” योजना का उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को ड्रोन पायलट बनने के लिए प्रशिक्षण देकर और उन्हें स्थानीय कृषि आपूर्ति श्रृंखलाओं का अभिन्न हितधारक बनाकर सशक्त बनाना है. योजना के हिस्से के रूप में, सरकार का लक्ष्य 15,000 महिला नेतृत्व वाले स्वयं सहायता समूहों को फसल की निगरानी, उर्वरकों और फसल सुरक्षा रसायनों के छिड़काव के लिए कृषि ड्रोन से मदद करना है.
इस सशक्त पहल में योगदान देने पर कोरोमंडल इंटरनेशनल लिमिटेड के कार्यकारी उपाध्यक्ष अरुण अलगप्पन ने कहा, “कृषि हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और एक अग्रणी कृषि समाधान प्रदाता के रूप में कोरोमंडल इंटरनेशनल सतत खाद्य उत्पादन और आर्थिक विकास सुनिश्चित करने के लिए कृषि तकनीकों के आधुनिकीकरण के महत्व को पहचानता है.
एसएचजी के इस्तेमाल के लिए कोरोमंडल द्वारा वितरित 200 ड्रोन की आपूर्ति उसकी सहायक कंपनी दक्ष द्वारा की गयी. ड्रोन की आपूर्ति के अलावा, किसानों को व्यापक प्रशिक्षण और तकनीकी सहायता प्रदान की जाएगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे अपने निपटान में प्रौद्योगिकी की पूरी क्षमता का उपयोग करें.
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सरकार के दृष्टिकोण का समर्थन करते हुए, कोरोमंडल का लक्ष्य कृषि बुनियादी ढांचे को मजबूत करना और भारतीय खेतों में कृषि नवाचार को आगे बढ़ाकर किसानों की समृद्धि में योगदान देना है.