Maize Farming: रबी सीजन में इन विधियों के साथ करें मक्का की खेती, मिलेगी 46 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार! पौधों की बीमारियों को प्राकृतिक रूप से प्रबंधित करने के लिए अपनाएं ये विधि, पढ़ें पूरी डिटेल अगले 48 घंटों के दौरान दिल्ली-एनसीआर में घने कोहरे का अलर्ट, इन राज्यों में जमकर बरसेंगे बादल! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 8 April, 2020 12:18 PM IST

आज का युग आधुनिक तकनीकों का युग है ऐसे में कृषि क्षेत्र को आगे बढ़ाने के लिए कृषि वैज्ञानिक आए दिन नए-नए खोज करते रहते है. मौजूदा वक्त में कृषि वैज्ञानिक ऐसे बीज तैयार कर रहे हैं जो कम समय में ज्यादा से ज्यादा उपज दे सके. जिससे किसान इन्हें अपना कर ज्यादा से ज्यादा पैदावार लेने के साथ ही अपनी आमदनी को भी बढ़ा सकें.

ऐसे में टमाटर की खेती करने वाले किसानों के लिए कानपुर के चन्द्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (Chandrashekhar Azad University of Agriculture and Technology) ने एक ऐसी नई किस्म को विकसित किया है. जिससे किसान आसानी से 1,200 से 1,400 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उपज तक ले सकते है. टमाटर की इस नई किस्म का नाम नामधारी-4266 रखा गया है, जो अब किसानों के लिए भी उपलब्ध है. गौरतलब है कि जहां समान्य प्रजाति के टमाटरों का उत्पादन प्रति हेक्टयर उपज 400 से 600 क्विंटल मिलता है वहीं इस नई किस्म से अब किसानों को 1,200 से 1,400 क्विंटल प्रति हेक्टेयर टमाटर मिलेगा.

नामधारी-4266 टमाटर की विशेषता

आमतौर जब हम टमाटर की खेती करते है तो उसकी निराई, बुवाई, सिंचाई, गुड़ाई और खाद आदि के खर्च में लगभग 50 हजार रुपए प्रति हेक्टर का खर्च आता है. नामधारी-4266 प्रजाति के टमाटर की खेती भी इसी औसत में पॉली हाउस में आसानी से कर सकते है. इस किस्म की सबसे अच्छी खास बात यह है कि इसमें आसानी से बीमारी और कीट नहीं लगते है और इस फसल को तैयार होने में करीब 45 दिनों का समय लगता है.

नामधारी-4266 टमाटर के खेती की तैयारी

इस फसल की नर्सरी सितंबर व अक्टूबर माह में लगाई जाती है और दिसंबर से फरवरी माह के बीच यह फसल बन कर तैयार हो जाती है. इसकी मिट्टी में नारियल के बुरादे से लेकर परलाइट व वर्मीकुलाइट के मिश्रण डाला जाता है, जिससे इसकी मिट्टी में मौजूद पोषक तत्व आसानी से पौधे को मिल जाते है. इसकी सिंचाई करने के लिए भी पानी की ज्यादा आवश्यकता नहीं पड़ती. किसान टपक विधि द्वारा भी इसकी सिंचाई कर सकते है.

English Summary: ‌Namdhari-4266:This new variety of tomato will give 1400 quintal yield in 1 hectare, will get bumper profits
Published on: 08 April 2020, 12:21 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now