नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट (नाबार्ड) पश्चिम बंगाल में कृषि क्षेत्र में हुए नुकसान की भरपाई के लिए सहयोग करने के लिए आगे आया है. बैंक ने राज्य के लिए 1050 करोड़ रुपए मंजूर किए है. कोलकाता स्थित नाबार्ड के क्षेत्रीय मुख्यालय के चीफ जनरल मैनेजर सुब्रत मंडल के मुताबिक लॉकडाउन और और उसके बाद राज्य में आए चक्रवाती तूफान ‘अंफान’ से कृषि क्षतिग्रस्त हुई है. अब खरीब फसल की बुवाई की भी तैयारी करनी होगी. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए बैंक ने पश्चिम बंगाल के लिए 1050 करोड़ रुपए मंजूर किए हैं.
हालांकि यह राशि ऋण के तौर पर ही दी जा रही है जो राज्य में कोआपरेटिव बैंक और स्थानीय ग्रामीण बैंक के मार्फत वितिरित की जाएगी. नाबार्ड ने यह फंड कृषि कार्य के लिए स्पेशल लिक्विडिटी मद में पश्चिम बंगाल के लिए मंजूर किया है ताकि फसलों की हुई क्षति की भरपाई हो सके और खरीब की फसल की बुवाई के लिए जरूरत के मुताबिक किसानों तक पैसा पहुंच सके. राज्य कोआपरेटिव बैंक को पहले ही 700 करोड़ रुपए दिए गए हैं. कोआपरेटिव बैंक ने और 500 करोड़ रुपए देने की मांग की है जिस पर विचार किया जा रहा है.
उल्लेखनीय है कि पिछले सप्ताह चक्रवाती तूफान ‘अंफान’ ने पश्चिम बंगाल और ओड़िशा में भारी तबाही मचाई थी. पश्चिम बंगाल में अंफान से फसलों का सर्वाधिक नुकसान हुआ है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के अनुरोध पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद पश्चिम बंगाल में तूफानग्रस्त क्षेत्रों का दौरा किया और उसके बाद उन्होंने राज्य को तत्काल आर्थिक मदद के तौर पर 1000 करोड़ रुपए मंजूर किए. प्रधानमंत्री उसी दिन कोलकाता से ओड़िशा भी गए और वहां भी उन्होंने तूफाग्रस्त क्षेत्रों का दौरा कर ओड़िशा के लिए अग्रिम मदद के तौर पर 500 करोड़ रुपए की सहायता राशि दी. पश्चिम बंगाल में ‘अंफान’ से हुए नुकसान की भरपाई के लिए ममता बनर्जी की सरकार पुनर्वास और पुनगर्ठन का काम कर रही है. राज्य में फसलों की व्यापक क्षति को देखते हुए अब किसानों को क्षतिपूर्ति देने की मांग भी उठने लगी है. बहरहाल ऋण के तौर पर ही सही नाबार्ड ने जितनी तत्परता के साथ पश्चिम बंगाल को 1050 करोड़ रुपए मंजूर किए उससे निश्चय ही राज्य में कृषि की क्षति को कुछ हद तक भरपाई करने में ममता सरकार को मदद मिलेगी.
प्राप्त आंकड़ो के मुताबिक उत्तर 24 परगना में 109639 हेक्टेयर भूमि में तैयार फसल पूरी तरह पानी में डूब गई है. धान, पटसन, फल-फूल सब्जी, पान और यहां तक कि मत्स्य पालन केंद्र भी क्षतिग्रस्त हुए है. राज्य में कहीं कहीं तालाबों के भर जाने और बांध टूट जाने के कारण मछलियां पानी के साथ बहकर अन्यत्र चली गई. केला, आम और लीची समेत अन्य मौसमी फलों के बागान ‘अंफान’ की चपेट में आकर तहस नहस हो गए. दक्षिण 24 परगना में 16 हजार हेक्टेयर भूमि में फसल नष्ट हुई है. जिला प्रशासन के मुताबिक दक्षिण 24 परगना में 2500 करोड़ रुपए की फसल तूफान से नष्ट हुई है. एक अन्य तटवर्ती जिला पूर्व मेदिनीपुर में भी जिन फसलों की व्यापक क्षति हुई उनकी फेहरिस्त लंबी है. पूर्व मेदिनीपुर में 3200 हेक्टेयर क्षेत्र में पान, 13050 हेक्टेयर भूमि में मूंगफली, 1980 हेक्टेयर में तिलहन व 1050 हेक्टेयर में फूल की खेती नष्ट हुई है.
जिला प्रशासन के मुताबिक जिले में करीब 8 करोड़ रुपए से अधिक की फसल खराब हुई है. हुगली में करीब 600 करोड़ रुपए अनाज की फसल नष्ट हुई है. इसके अतिरिक्त ‘अंफान’ से हावड़ा, हुगली, बर्दवान समेत उत्तर और दक्षिण बंगाल के अन्य जिलों में फसलों की व्यापक क्षति हुई है. फसलों की क्षति पर इस रिपोर्ट में जो तथ्य दिए गए हैं वे प्रारंभिक आंकड़कों पर आधारित हैं. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक सप्ताह के अंदर सभी जिला प्रशासन से ‘अंफान’ से कृषि की क्षति पर संपूर्ण रिपोर्ट देने को कहा है. कृषि मंत्री आशीष बनर्जी ने कहा कि ‘अंफान’ से राज्य के 14 जिलों में फसलों की व्यापक क्षति हुई है. जिला प्रशासन रिपोर्ट मिलनी शुरू हो गई है. सभी जिला प्रशासन से रिपोर्ट मिलने के बाद राज्य में ‘अंफान’ से फसलों की हुई क्षति का सटीक आंकड़ा जारी किया जाएगा. वैसे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अंफान से लगभग एक लाख करोड़ रुपए की क्षति होने की बात कही है जिसमें अधिकांश हिस्सा कृषि और फसल का ही होगा.
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