Maize Farming: रबी सीजन में इन विधियों के साथ करें मक्का की खेती, मिलेगी 46 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार! पौधों की बीमारियों को प्राकृतिक रूप से प्रबंधित करने के लिए अपनाएं ये विधि, पढ़ें पूरी डिटेल अगले 48 घंटों के दौरान दिल्ली-एनसीआर में घने कोहरे का अलर्ट, इन राज्यों में जमकर बरसेंगे बादल! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 11 June, 2020 4:07 PM IST
Paddy Farming

मानसून की बारिश खेती के लिए वरदान साबित होती है. बीते दिन उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में बारिश होने से किसानों के चेहरो पर खुशी ला दी है. इसके चलते किसानों ने खरीफ फसलों  बुवाई की तैयारियां शुरू कर दी हैं. किसानों का मानना है कि मानसून की बारिश खरीफ फसलों की पैदावार को बढ़ा देती है.

मानसून धान की बुवाई में करेगा मदद (Monsoon will help in sowing of paddy)

हालांकि, मानसून की बारिश के कारण सब्जियों की फसलों को भारी नुकसान होगा, लेकिन किसानों को धान की खेती में मानसून की बारिश बड़ी राहत देगी. देश के अधिकतर किसानों ने धान की नर्सरी लगाने की तैयारियां शुरू कर दी हैं. मानसून की बारिश और तेज हवाएं, दोनों गर्मी से राहत देती हैं. इसके साथ ही किसानों को खरीफ सीजन की फसलों की बुवाई से अधिक पैदावार दिलाती हैं.  

मानसून लौकी और नेनुआ की फसल को पहुंचाएगा नुकसान (Monsoon will damage gourd and nanua crops )

कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि मानसून की बारिश एक तरफ किसानों के लिए काफी फायदेमंद हैं, क्योंकि इस समय किसान धान की नर्सरी, अरहर समेत कई फसलों की खेती कर सकते हैं. मगर मानसून की बारिश की वजह से लौकी और नेनुआ की फसलों को भारी नुकसान होता है. दरअसल, मानसून की बारिश से इन फसलों के खेतों में पानी लग जाए, तो उन्हें नुकसान पहुंच सकता है. हालांकि, कई किसान खरीफ फसलों की खेती में जुट गए हैं क्योंकि इस साल का मानसून किसी भी समय पर दस्तक दे सकता है.

कब होगा मानसून का आगमन (When will the arrival of monsoon)

आपको बता दें कि इस साल देश में मानसून का आगमन थोड़ी देरी से होगा. स्‍कायमेट वेदर की मानें, तो आमतौर पर मानसून जून के पहले सप्‍ताह में आ जाता है, लेकिन इस बार मानसून जून के दूसरे सप्‍ताह तक आ सकता है.

English Summary: Monsoon rains are a boon for farming
Published on: 11 June 2020, 04:11 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now