इस साल मानसून सामान्य रफ्तार से 7 साल बाद अपने तय समय पर उत्तर प्रदेश पहुंच चुका है. इससे पहले यूपी में साल 2013 में लगभग 15 जून को मानसून पहुंचा था. मौसम विभाग की मानें, तो यूपी के कई इलाकों में मानसून ने पहुंच बनाई है. माना जा रहा है कि अगर मानसून की सामान्य रफ्तार जारी रही, तो यह अगले 24 से 72 घंटों में लखनऊ समेत कई अन्य हिस्सों तक पहुंच जाएगा. इस दौरान धान की खेती करने वाले किसानों ने बुवाई की तैयारियां तेज कर दी हैं. किसानों को मानसून की बारिश से काफी राहत मिली है, लेकिन सब्जियों की खेती करने वाले किसानों की मुश्किलों को काफी बढ़ा दिया है.
मौसम विभाग के मुताबिक...
यूपी में मानसून 7 साल अपने तय समय पर पहुंचा है. देखा जाए, तो देश में 1 जून, यूपी में 15 जून और लखनऊ तक 18 जून तक मानसून आने की संभावना है.
यूपी में मानसून आने के पुराने आंकड़े
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साल 2013 में मानसून 15 जून को आया, तो लखनऊ में 16 जून को बारिश हो गई थी.
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साल 2014 में 19 जून को मानसून आय़ा, इसके बाद लखनऊ में 1 जुलाई को बारिश हुई.
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साल 2015 में 23 जून को बारिश हुई, लेकिन लखनऊ 25 जून तक पहुंचा.
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साल 2016 में 21 जून को यूपी समेत लखनऊ में पहुंचा था.
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साल 2017 में मानसून का आगमन 26 से 27 जून को हुआ, लेकिन राजधानी लखनऊ में 2 दिनों बाद 29 जून को मानसून की बारिश हुई.
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साल 2018 में 27 जून को मानसून आया, तो वहीं अगले 24 घंटों में लखनऊ पहुंच गया.
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पिछले साल यानी साल 2019 में 22 जून को मानसून ने दस्तक दी, तो वहीं 25 जून तक लखनऊ में बारिश हो गई.
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अगर इन आंकड़ों को देखा जाए, तो पिछले कुछ सालों में साल 2008 ऐसा रहा, जब मानसून ने 15 जून से पहले यूपी और लखनऊ में दस्तक दी. बता दें कि यह तारीख 12 जून औऱ 13 जून थी.
धान की बुवाई में आई तेजी
मानसून की बारिश ने धान की खेती करने वाले किसानों के चेहरों पर खुशी ला दी है. कई किसान धान की नर्सरियां डाल चुके हैं, जिसमें अब उन्हें पानी की आवश्यकता नहीं होगी. हालांकि, इस बारिश ने सब्जियां उगाने वाले किसानों के अरमानों पर पानी फेर दिया है.
सब्जी किसान परेशान
इस दिनों किसान लौकी, परवल, तराई, नेनुआ, भिंडी, कद्दू, बैगन, कुनरू सेमत कई सब्जियों की खेती कर रहे हैं. मगर बारिश होने से खेतों में पानी लग गया है. इस कारण खेतों में सब्जियां सडऩे लगी हैं. अधिकतर सब्जियों के फूल बारिश की वजह से टूटने लगे हैं. किसानों का मानना है कि एक तरफ लॉकडाउन की वजह से सब्जियों के उचित दाम नहीं मिल पा रहे हैं. ऐसे में बारिश से सब्जियों की फसलों का बर्बाद होना मुसीबत खड़ी कर सकता है. है।
ऐसे करें समाधान
यह बारिश धान की खेती के लिए सौगात लेकर आई है, लेकिन सब्जी की खेती करने वालों को भारी नुकसान भी हो सकता है. ऐसे में यह समय सब्जी की खेती करने वालों किसाने के लिए बड़ी चुनौती लेकर आया है. इसलिए किसान ध्यान दें कि बारिश के दौरान खेतों में पानी जमा न होने दें. इसके अलावा खेतों में माइक्रो न्यूट्रीएंट के साथ हल्का यूरिया का छिड़काव करें.