सोमानी क्रॉस X-35 मूली की खेती से विक्की कुमार को मिली नई पहचान, कम समय और लागत में कर रहें है मोटी कमाई! MFOI 2024: ग्लोबल स्टार फार्मर स्पीकर के रूप में शामिल होगें सऊदी अरब के किसान यूसुफ अल मुतलक, ट्रफल्स की खेती से जुड़ा अनुभव करेंगे साझा! Kinnow Farming: किन्नू की खेती ने स्टिनू जैन को बनाया मालामाल, जानें कैसे कमा रहे हैं भारी मुनाफा! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 14 April, 2022 5:40 PM IST
e - Naam Portal

अधिकतर किसानों को अपनी फसल को मंडियों में बेचने के लिए बिचौलियों का सह्रारा लेना पड़ता है, क्योंकि फसल की बिक्री अगर समय पर नहीं हुई तो फसल के ख़राब होने का डर रहता है.

इस डर की वजह से किसान भाई बिचौलियों को उनके मन मुताबिक कीमतों पर अपने फसल को बेच देते हैं. जिसके चलते किसानों को अपनी फसल से अच्छा मुनाफा नहीं मिल पाता. ऐसे में केंद्र सरकार ने किसानों को इन सभी मुसीबतों से छुटकारा दिलाने के लिए फसलों को ऑनलाइन बेचने का एक प्लेटफार्म प्रदान किया जिसे ई- नाम पोर्टल यानि राष्ट्रीय कृषि बाज़ार के नाम से जाना जाता है.

राष्ट्रीय कृषि बाज़ार किसानों के लिए एक ऐसा सरल रास्ता है जहां किसानों को अपनी फसल को बेचने के लिए किसी बिचौलियों की जरुरत नहीं पड़ेगी साथ ही फसल से कीमत भी अच्छी प्राप्त हो होगी.

केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गयी यह राष्ट्रीय कृषि बाज़ार पोर्टल यानि ई नाम पोर्टल देश भर के किसानों के लिए बहुत फायदेमंद साबित हो रही है. साल 2016 में शुरू की गयी यह कृषक बाज़ार योजना से फसलों की गुणवता में बढ़ोत्तरी हो रही है साथ ही किसानों को व्यवसाय का भी अवसर मिल रहा है.

इसे पढ़ें - खुशखबरीः e-NAM Portal से जोड़ी जा रही तमाम अन्य सुविधाएं, किसानों को होगा और अधिक मुनाफा

इ–मंडी के तहत बीते छह सालों में 18 राज्यों और 3 केंद्र शासित प्रदेशों की 1000 मंडियों को सफलतापूर्वक एकीकृत किया गया है. इ- मंडी से अब तक 1.73 करोड़ से अधिक किसान, 2 लाख व्‍यापारी और 2000 एफपीओ पंजीकृत हुए हैं. अब तक इस पोर्टल से 1.87 लाख करोड़ का कारोबार नही जुड़ चूका है.

यह ई-नाम पोर्टल देश के कोने-कोने में अपनी पहुंच बना रहा है. ई-नाम पोर्टल से कृषि उत्पादों को बेचेने के राष्ट्रीय स्तर पर बाज़ार उपलब्ध हो रहा है. इससे मिलने वाले फायदों को देख देश भर के किसान इस पोर्टल से जुड़ रहे हैं.

English Summary: Modi government's online market created history, farmers are getting direct benefits
Published on: 14 April 2022, 05:55 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now