कृषि भवन नई दिल्ली में बुधवार को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की अध्यक्षता में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की 92वीं वार्षिक आम बैठक संपन्न हुई. इसमें केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी सहित आईसीएआर एवं कृषि मंत्रालय के अधिकारी मौजूद रहे.
बैठक के बारे में जानकारी देते हुए केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि यह बैठक एक माध्यम है जब हम विभिन्न राज्यों में कृषि से जुड़ी चिंताओं व समस्याओं को एक-दूसरे के सामने रखते हैं और आईसीएआर के माध्यम से इनके समाधान हेतु मार्ग प्रशस्त करते हैं.
उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि तमाम चुनौतियों के बावजूद आईसीएआर ने लगभग 9 दशक में उल्लेखनीय सफलताएं हासिल की है. इसकी उपलब्धियों में नई तकनीकों तथा क़िस्मों के अनुसंधान एवं विकास के माध्यम से उत्पादन और उत्पादकता में बढ़ोतरी करना शामिल है. कैलाश चौधरी ने प्रधानमंत्री मोदी के वर्ष 2022 तक किसानों की आय को दुगुना करने की दिशा में भाकृअनुप द्वारा उठाए गए कदम को भी रेखांकित किया. उन्होंने इस बात पर खुशी जाहिर की कि मोदी सरकार ने कृषि क्षेत्र की महत्ता को संज्ञान में लेते हुए कुल दर्जनों किसानों को पद्म श्री पुरस्कारों से सम्मानित भी किया है.
केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने किसान आंदोलन में उपद्रव को लेकर कहा कि जिन राजनीतिक दलों को देश की जनता नकार चुकी है, वो आज कुछ किसानों को गुमराह करने में लगे हुए हैं. कुछ लोग किसानों और सरकार की चर्चा नहीं होने दे रहे हैं. राजनीतिक दल सिर्फ चर्चा में आने के लिए इस तरह के इवेंट कर रहे हैं. हमने गांव के किसान के काम को आसान करने की कोशिश की है. जो लोग आज किसानों के लिए घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं, उन्होंने सत्ता में रहते हुए क्या किया हर किसी को पता है. आंदोलन की शुरुआत में मांग थी कि एमएसपी की गारंटी होनी चाहिए. पहले कृषि कानून तोड़ने पर किसानों को पेनाल्टी लगती थी, लेकिन अब हमारी सरकार ने ऐसी पेनाल्टी को खत्म कर दिया है. अब खरीदार को किसानों को रसीद भी देनी होगी और तीन दिन के भीतर फसल का पैसा भी देना होगा.
एमएसपी और मंडियां यथावत चालू रहेंगी:
केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि अगर कोई किसान से एग्रीमेंट करेगा, तो वो चाहेगा कि फसल अच्छी हो. ऐसे में एग्रीमेंट करने वाला व्यक्ति बाजार के ट्रेंड के हिसाब से ही किसानों को आधुनिक चीजें उपलब्ध करवाएगा. अगर किसी वजह से किसान की फसल अच्छी नहीं होती या बर्बाद हो जाती है, तो भी किसान को फसल का पैसा मिलेगा. एग्रीमेंट करने वाला समझौता नहीं तोड़ सकता है, लेकिन किसान अपनी मर्जी से एग्रीमेट खत्म कर सकता है.
कैलाश चौधरी ने कहा कि एमएसपी खत्म नहीं होगी, मंडियां भी चालू रहेंगी. सरकार ने किसानों को इस बात का भरोसा दिया है, अगर फिर भी कोई शंका है तो सरकार चर्चा के लिए तैयार है. सरकार का फोकस खेती की लागत को कम करने पर है. कई योजनाओं के तहत किसानों को लाभ दिया जा रहा है.