कोविड-19 महामारी की वजह से लिए देशभर में लॉकडाउन लगा है. इससे सबसे बड़ी समस्या हुई है कि अधिकतर कारोबार और उद्योग धंधे पूरी तरह से ठप हो चुके हैं. इसके साथ ही गरीब और दिहाड़ी मजदूरों की अजीविका का संकट छा गया है. यह ऐसा समय है कि गरीब लोग अपनी जीविका चलाने के लिए दो वक्त की रोटी का इंतजाम नहीं कर पा रहे हैं. ऐसी मुश्किल घड़ी में केंद्र सरकार की 5 अहम योजनाएं हैं, जो कि गरीब और दिहाड़ी मजदूरों के लिए मददगार साबित हुई हैं. इन सभी योजनाओं का लाभ प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज के तहत दिया जा रहा है.
जनधन योजना से मिली राहत
इस वक्त गरीबों के लिए जनधन योजना काफी मददगार साबित हुई है. देश में लॉकडाउन के लगते ही मोदी सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज के तहत महिलाओं के जनधन खातों में 500-500 रुपए की किश्त भेजना शुरू कर दिया है. यह किश्त तीन महीने यानी अप्रैल, मई और जून तक दी जाएगी. इससे लगभग 20 करोड़ महिलाओं की सहायता की जा रही है. इतना ही नहीं, राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम के तहत वरिष्ठ नागरिकों, विधवाओं और दिव्यांगों की सहायता की जा रही है. इसके तहत लगभग 2.82 करोड़ लोगों को लगभग 1,405 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई गई है.
खाद्य सुरक्षा के तहत अनाज उपलब्ध कराना
मौजूदा समय में खाद्य सुरक्षा योजना गरीबों का सहारा बनी है. इसके तहत राशन कार्ड धारकों को 3 महीने तक 2 गुना ज्यादा राशन देने का फैसला लिया गया है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें, तो केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने बताया था कि देश में लगभग 81 करोड़ लाभार्थी हैं, जिन पर सरकार द्वारा लगभग 46 हजार करोड़ रुपए खर्च हुआ है. गरीब लोगों को गेंहू, चावल और दाल दी जा रही है.
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना
मोदी सरकार किसानों के खाते में लगातार इस योजना की किश्त भेज रही है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें, तो केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर ने बताया था कि पीएम किसान योजना के तहत लगभग 71 हजार करोड़ की राशि लगभग 9 करोड़ 34 लाख किसानों को भेजी गई है. बता दें कि इस योजना के तहत किसानों के खातों में सीधे 2 हजार रुपए भेजे जाते हैं. इस तरह छोटे किसानों को सालाना 6 हजार रुपए की आर्थिक मदद मिल जाती है. इतना ही नहीं, देश के लगभग 3 करोड़ किसानों को लोन पर 3 महीने के मोरेटोरियम का फायदा भी दिया गया है.
मनरेगा योजना बनी सहारा
लॉकडाउन में गरीब मजदूरों के लिए मनरेगा योजना रोजी रोटी का सहारा बनी हुई है. इसके साथ ही घर वापसी कर रहे मजदूरों के लिए लाइफलाइन बन चुकी है. खास बात है कि सरकार द्वारा मनरेगा के तहत दी जाने वाली दैनिक मजदूरी की राशि 182 रुपए से बढ़ाकर 202 रुपए कर दी है. इस योजना का यह नियम 1 अप्रैल से लागू भी हो गया है. बता दें कि इस योजना के लिए ग्रामीण विकास मंत्रालय ने लगभग 33,300 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की है.
उज्जवला योजना के तहत फ्री गैस सिलेंडर
कोरोना और लॉकडाउन की स्थिति में सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज के तहत उज्ज्वला योजना को भी शामिल किया है. इसके तहत लोगों को 3 महीने तक मुफ्त रसोई गैस दी जा रही है. बता दें कि प्रति लाभार्थियों के खाते में सरकार द्वारा घरेलू गैस सिलेंडर के लिए 753 रुपए भेजे हैं. बता दें कि सरकार मुफ्त घरेलू गैस सिलेंडर बांटने के लिए लगभग 4.82 करोड़ रुपए का खर्चा कर रही है.