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Updated on: 23 April, 2020 6:20 PM IST

मोदी सरकार ने कोविड-19 महामारी संकट से जूझ रहे किसानों को एक बड़ी राहत दी है. पीएम मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल के आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) बैठक हुई जिसमें किसानों के हित में कई अहम फैसले लिए गए. इसी कड़ी में सरकार ने जारी वित्त वर्ष के लिए उर्वरक सब्सिडी को बढ़ा दिया है.

मोदी सरकार की अध्यक्षता वाली बैठक में किसानों से जुड़े कई विषयों पर चर्चा की गई. इसमें उर्वरक सब्सिडी भी शमिल है. सरकार ने उर्वरक सब्सिडी को बढ़ाकर 22,186.55 करोड़ रुपए कर दिया है. माना जा रहा है कि इस तरह उर्वरकों पर कुल सब्सिडी व्यय वित्त वर्ष के दौरान 5 से 7 प्रतिशत बढ़ सकता है. इसमें फॉस्फोरस और पोटाशयुक्त उर्वरकों को भी शमिल किया गया है. बता दें कि उर्वरक सब्सिडी के लिए फॉस्फोरस और पोटाशयुक्त उर्वरकों को शामिल करने की मांग काफी समय से चल रही थी. फिलहाल, इस संबंध में (एनबीएस) दरों के निर्धारण को मंजूरी मिल गई है. इस फैसले के बाद उर्वरक कंपनियों को (सीसीईए) की अनुमोदित दरों पर फॉस्फोरस और पोटाशयुक्त उर्वरकों पर सब्सिडी मिलेगी.

गैर-यूरिया की सब्सिडी दरें घटाईं

इस बार सरकार ने गैर-यूरिया उर्वरकों की सब्सिडी दरों में कटौती की है. इस दौरान सरकारी खजाने पर उर्वरक सब्सिडी का बोझ कम होकर 22,186.55 करोड़ रुपए पड़ेगा. बता दें इन पर साल 2019-20 में कुल सब्सिडी खर्च 22,875 करोड़ रुपए था.

  • साल 2020-21 के लिए नाइट्रोजन पर सब्सिडी को 90 से घटाकर 18.78 रुपए कर दी है.

  • फॉस्फोरस पर सब्सिडी 21 से घटाकर 14.88 रुपए तय की है.

  • पोटाश पर सब्सिडी 12 से घटाकर 10.11 रुपए हो गई है.

  • सल्फर पर दी जाने वाली सब्सिडी 56 से घटाकर 2.37 रुपए प्रति किलो कर दी गई है.

डीएपी-एनपीके के दाम हुए नियंत्रण मुक्त

आपको बता दें कि सरकार की तरफ से किसानों को सस्ते दाम पर उर्वरकों, यूरिया और 21 ग्रेड के फॉस्फोरस और पोटाशयुक्त उर्वरकों को उपलब्ध कराने के लिए विनिर्माताओं या आयातकों को सब्सिडी दी जाती है. फिलहाल, सरकार ने डाईअमोनियम फॉस्फेट (डीएपी), मुरिएट ऑफ पोटाश (एमओपी) और एनपीक जैसे गैर-यूरिया उर्वरकों की कीमतों को नियंत्रण मुक्त कर दिया है. इनका निर्धारण इनके विनिर्माताओं पर ही छोड़ दिया गया है. बता दें कि हर साल सरकार की तरफ से उन्हें एक निर्धारित सब्सिडी दी जाती है. इसके अलावा यूरिया के लिए खुदरा मूल्य (एमआरपी) तय कर देती है. इसके बाद उत्पादन लागत और तय एमआरपी के बीच के मूल्य का अंतर ही विनिर्माताओं को उपलब्ध करा दिया जाता है.

आधार सीडिंग की समय-सीमा को बढ़ाया

इस बैठक में असम, मेघालय, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के किसानों के लिए भी एक अहम फैसला लिया है. दरअसल, सरकार ने पीएम किसान सम्मान निधि याजनो का लाभ देने के लिए आधार सीडिंग की अनिवार्यता की समय-सीमा भी बढ़ा दी है. सरकार ने इस समय-सीमा को एक साल तक बढ़ा दिया है यानी 31 मार्च 2021 तक.

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English Summary: Modi government fixed subsidy rates on fertilizers
Published on: 23 April 2020, 06:25 PM IST

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